पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने आज आरोप लगाया कि राज्य में सुखविंदर सिंह सुखू के नेतृत्व वाली सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है। ठाकुर ने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए बहुप्रचारित ‘व्यवस्था परिवर्तन’ नारे को ‘व्यवस्था पतन’ बताया और पिछले दो वर्षों में राज्य की पहचान और सम्मान खोने के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि विकास कार्य ठप हो गए हैं और मुख्यमंत्री ऐसे फैसले ले रहे हैं जो हंसी का पात्र बन गए हैं।
ठाकुर ने कहा कि राज्य के लोगों पर लगाए जा रहे नए कर मतदाताओं के साथ धोखा हैं, जिन्हें कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वादों के साथ लुभाया था। उन्होंने कहा कि ‘शौचालय कर’ ने राज्य का नाम खराब किया है। उन्होंने सरकार पर गारंटियों को पूरा न करने और समय पर वेतन और पेंशन देने में विफल रहने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार के मूल्यांकन के लिए दो साल का समय पर्याप्त होता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार अंधाधुंध तरीके से कर्ज ले रही है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में जितना कर्ज लिया था, उससे ज्यादा कर्ज उसने दो साल में ही ले लिया है। उन्हें लगता है कि मौजूदा दर पर कर्ज की रकम 2025 की शुरुआत में एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू लेगी।
ठाकुर ने केंद्र सरकार को ‘राज्य सरकार को मौजूदा वित्तीय संकट से उबारने’ के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएचपी) के परिसर के निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा अभी तक जमा नहीं की गई धनराशि का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि भाजपा भारत में अच्छा प्रदर्शन कर रही है और अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ 18 राज्यों में शासन कर रही है। ठाकुर के साथ पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे, जिनमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, धर्मशाला विधायक सुधीर शर्मा, कांगड़ा विधायक पवन काजल, पूर्व मंत्री सरवीन चौधरी और पूर्व विधायक विशाल नेहरिया, अरुण कुमार कूका, मुल्ख राज प्रेमी और रविंदर धीमान शामिल थे।