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शिमला के ढली में दिव्यांगों के लिए 8.28 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित भवन का उद्घाटन

Inauguration of a building for the disabled built at a cost of Rs 8.28 crore in Dhalli, Shimla.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला के निकट ढली में दिव्यांग बच्चों के लिए संस्थान के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया। 8.28 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस पांच मंजिला भवन में 32 आधुनिक कक्षाएं और आवासीय कमरे हैं, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं। इसमें एक कंप्यूटर लैब, व्यावसायिक प्रशिक्षण कक्ष, एक संगीत कक्ष, पुस्तकालय, कार्यशाला और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी हैं। इसके अलावा, छात्रावास के लिए 10 कमरे आवंटित किए गए हैं।

सुखू ने बताया, “संस्थान वर्तमान में 140 बच्चों (106 श्रवण बाधित और 34 दृष्टि बाधित) को शिक्षा प्रदान कर रहा है। संस्थान कक्षा 1 से 12वीं तक निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान करता है।” इसके अलावा, छात्रों को हस्तशिल्प, बेकरी, कंप्यूटर कौशल और बागवानी जैसे क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और सम्मानजनक जीवन जी सकें।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार उच्च गुणवत्ता वाली औपचारिक और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करके विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सोलन जिले के कंडाघाट में 45 बीघा भूमि पर 300 छात्रों के लिए ‘उत्कृष्टता केंद्र’ स्थापित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने की दिशा में निरंतर काम कर रही है कि विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों को समाज में सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए शिक्षित और प्रशिक्षित किया जाए और यह नवनिर्मित भवन हमारे विशेष रूप से सक्षम बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक कदम है।”

सुक्खू ने संस्था के बच्चों को दिवाली समारोह के लिए एक लाख रुपये, संगीत वाद्ययंत्र खरीदने के लिए दो लाख रुपये तथा उन्हें पेंटिंग भेंट करने वाले बच्चों को 10-10 हजार रुपये देने की घोषणा की।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने अनाथ बच्चों को ‘प्रदेश के बच्चे’ नाम देकर उन्हें नई पहचान दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिवाली के मद्देनजर राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के साथ-साथ विभिन्न बोर्डों और निगमों के कर्मचारियों को 28 अक्टूबर को वेतन और पेंशन मिलेगी। उन्होंने कहा, “यह आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं, आउटसोर्स कर्मचारियों और सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों पर भी लागू होगा, ताकि वे दिवाली का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मना सकें।”

उन्होंने कहा कि पिछले लगभग 20 महीनों में सरकार ने 2,600 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है और इसका 30 प्रतिशत सामाजिक क्षेत्र को आवंटित किया है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव आशीष सिंहमार ने कहा कि परियोजना में मुख्यमंत्री की विशेष रूचि के कारण ही नए भवन का निर्माण किया गया है।

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