N1Live Himachal शिमला में ‘अवैध’ मस्जिद के खिलाफ हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया
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शिमला में ‘अवैध’ मस्जिद के खिलाफ हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया

Hindu right-wing organizations stage massive protest against 'illegal' mosque in Shimla

हिंदू दक्षिणपंथी संगठनों ने गुरुवार को यहां विधानसभा के निकट चौड़ा मैदान में विशाल विरोध प्रदर्शन किया और संजौली में एक ‘अवैध’ मस्जिद को गिराने की मांग की।

क्षेत्र में सैकड़ों प्रदर्शनकारी मौजूद थे, जिनमें से कई के हाथों में हिंदू धर्म के प्रतीक चिह्न, जैसे भगवा झंडे और भगवान राम की छवि वाले बैनर थे।

देव भूमि क्षेत्रीय संगठन के अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर, जिन्होंने सनातनियों से शिमला में एकत्र होने का आह्वान किया था, ने कहा कि राज्य भर से लोगों ने उनके आह्वान पर प्रतिक्रिया दी और सनातन एकता का प्रदर्शन किया।

गुरुवार का विरोध प्रदर्शन 30 अगस्त को मलयाणा क्षेत्र में एक व्यापारी पर हुए हमले का परिणाम था, जो कथित तौर पर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों द्वारा किया गया था।

रविवार को लोग संजौली में एकत्र हुए और वहां स्थित मस्जिद को गिराने की मांग की, साथ ही मलयाणा हमले के दोषियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोप में कार्रवाई की मांग की।

ठाकुर ने गुरुवार को आरोप लगाया कि बाहरी लोग बड़ी संख्या में हिमाचल प्रदेश में आ रहे हैं और उन्होंने सरकार से उनकी पहचान सत्यापित करने तथा उनके व्यापार का पंजीकरण करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कल उन्हें फोन किया था और मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया था। सुखू ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि राज्य के सभी निवासियों के अधिकार समान हैं और वह सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।

उन्होंने कहा, “शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति है लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।” ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है और यह मामला पिछले 14 वर्षों से न्यायालय में विचाराधीन है।

लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि किसी भी अतिक्रमणकारी के खिलाफ कार्रवाई में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

उन्होंने कहा, “कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और जो भी कार्रवाई की जाएगी वह कानून के दायरे में होगी, चाहे वह नगर निगम द्वारा की जाए या पुलिस द्वारा।”

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