सोमदत्त शर्मा चंडीगढ़। अपनी बेबाकी और साफगोई के लिए प्रदेश में अलग पहचान रखने वाले हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के तेवरों ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। विज अपने विभागों में बढ़ते सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) के दखल को लेकर खासे नाराज चल रहे हैं। 5 अक्टूबर के बाद से उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की फाइलें देखनी बंद कर दी हैं। वहीं, पुलिस विभाग में आदेश के चार दिनों बाद भी 372 जांच अधिकारियों पर निलंबन की कार्रवाई नहीं होने से तल्ख रवैया अपनाए हुए हैं। विज के तेवरों को देखते हुए सीएमओ के साथ-साथ विभागीय अधिकारियों में खलबली मची हुई है। उधर, पूरा मामला मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संज्ञान में लाया जा चुका है और पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी नजर बनाए हुए हैं। गौर हो कि विज का काम करने का अपना तरीका है। वह अपने विभागों से संबंधित तमाम फाइलों का खुद एक-एक शब्द पढ़ते हैं और इसके बाद आगामी कार्यवाही करते हैं।
डीएमईआर की महानिदेशक आईएएस बराड़ पहुंची कार्यालय, विज ने कहा- अब मैं विभाग नहीं देखता, सीएमओ से लें मार्गदर्शन
ठीक एक सप्ताह पहले चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान (डीएमईआर) की महानिदेशक के तौर पर ड्यूटी ज्वाइन करने वाले आईएएस आशिमा बराड़ शुक्रवार शाम को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिलने के लिए सचिवालय के उनके आठवें तल पर कार्यालय में पहुंचीं। इस दौरान आईएएस बराड़ ने बताया कि उन्होंने विभाग ज्वाइन कर लिया है और आपके मार्गदर्शन में काम करना है। हालांकि, विज ने कहा कि, वह अब यह विभाग नहीं देखते, यह विभाग सीएमओ के एक अधिकारी देखते हैं। अगर मार्गदर्शन लेना है तो वहीं से लें। वह पिछले कई दिनों से विभाग की फाइलें भी नहीं देख रहे हैं। इस दौरान विज ने विभाग में बढ़े सीएमओ के दखल को लेकर कड़ी नाराजगी भी जाहिर की। अटकलें लगाई जा रही हैं कि जल्द विज स्वास्थ्य विभाग छोड़ने को लेकर सीएम को पत्र लिख सकते हैं।
गृह सचिव और डीजीपी भी पहुंचे, आधा घंटा तक विज से मंत्रणा
जांच में लापरवाही बरतने वाले 372 जांच अधिकारियों के निलंबन के आदेश देने के बाद पुलिस विभाग के अधिकारियों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। विज तुरंत प्रभाव से इनके निलंबन के आदेश चाह रहे हैं, जबकि फील्ड में लगातार देरी हो रही है। बढ़ रही खटास के बीच शुक्रवार शाम को गृह सचिव टीवीएसएन प्रसाद और डीजीपी शत्रुजीत कपूर दोनों विज के कार्यालय पहुंचे। इस दौरान बंद कमरे में तीनों के बीच करीब आधा घंटे तक मंत्रणा हुई। सूत्रों का दावा है कि इस दौरान एसीएस और डीजीपी की ओर से आश्वस्त किया गया कि आदेशों का पालना में कोई ढिलाई नहीं है, बल्कि कुछ कानूनी पेचीदगियों के चलते ऐसा हुआ है।
अब तक 92 आईओ हुए निलंबित, शेष पर कार्रवाई जारी
372 में से 92 जांच अधिकारियों को निलंबित करने की रिपोर्ट गृह मंत्री के पास पहुंच चुकी है। शेष अधिकारियों पर भी कार्रवाई जारी है। बैठक में विज को पुलिस अधिकारियों की ओर से बताया गया है कि कुछ मामलों में कानूनी और तकनीकी दिक्कतें हैं। इसके अलावा, ये भी देखा जा रहा है कि केस लंबे समय तक किसके पास रहा। हालांकि, विज ने आदेश दिए हैं कि अगर कोई जांच अधिकारी ऐसा रह गया है कि जिसके पास लंबे समय से केस था और इस समय उसके पास नहीं है तो उसके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाए। विज ने डीजीपी से एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब की है। संभावना है कि आगामी कुछ दिनों में अन्य आईओ पर भी गाज गिरेगी।
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