June 24, 2025
National

ईरान पर अमेरिकी हमले को कैसे देखते हैं भारत के रक्षा विशेषज्ञ

How do Indian defense experts view the US attack on Iran?

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में अब सुपर पावर अमेरिका की भी एंट्री हो गई है। भारतीय समयानुसार रविवार तड़के 4:30 बजे अमेरिका ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर बम बरसाए। अमेरिका ने ईरान के तीनों परमाणु संयंत्र नष्ट करने का दावा किया है। भारत के रक्षा विशेषज्ञों ने अमेरिका के इस कदम का स्वागत किया है।

रक्षा विशेषज्ञ आर.के. श्रीवास्तव ने रविवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “आज अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर ‘मदर ऑफ ऑल बम’ गिराकर इतिहास रचा है। इजरायल और भारत दोनों की एक ही विरासत रही है। दोनों देशों ने आतंक की विभीषिका दशकों तक झेली है। हमें परमाणु बम की धमकी दी जाती है। पहले भारत ने पाकिस्तान और पीओके पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर हमला किया और आतंकी मारे। आज अमेरिका ने पहली बार इजरायल-ईरान युद्ध में हस्तक्षेप किया है और ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है। यह अमेरिका के दृढ़ निश्चय को दिखाता है।”

आर.के. श्रीवास्तव ने कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार की जरूरत होती है। ईरान और पाकिस्तान ने अपने देश के लोगों को इससे दूर रखा है और आतंक के प्रसार वाली नीति बनाई। इन दोनों देशों को भारत और अमेरिका ने जो जवाब दिया है, उनकी आने वाली पीढ़ी याद रखेगी।

रक्षा विशेषज्ञ जी.जे. सिंह ने बेंगलुरु में आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं मानता हूं कि ईरान ने पूरा नहीं तो संवर्धित यूरेनियम का ज्यादातर हिस्सा हटा लिया होगा। लेकिन अमेरिका ने ईरान के परमाणु संयंत्रों में जो सुविधाएं लगाई गई थी, उसे तो समाप्त कर दिया होगा। अमेरिका ने सबसे घातक बम का इस्तेमाल किया, जो 200 फुट नीचे जाकर विस्फोट करता है। मैं मानता हूं कि अमेरिका के हमले में ईरान को बड़ा नुकसान हुआ होगा।”

उन्होंने कहा कि अमेरिका और इजरायल ईरान में सत्ता परिवर्तन इसलिए चाहते हैं क्योंकि अयातुल्ला खामनेई लगभग 46 साल से वहां की सत्ता पर काबिज हैं और उनके शासन की नीति “अमेरिका और इजरायल की मौत” के कारणों पर आधारित है। ईरान अमेरिका को ‘बड़ा शैतान’ और इजरायल को ‘छोटा शैतान’ कहता है। यही वजह है कि दोनों देश ईरान में सत्ता परिवर्तन चाहते हैं।

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