भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी इस बार दिल्ली विधानसभा की कालकाजी सीट से आप उम्मीदवार और मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। वह इस सीट पर सियासी ताकत दिखाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं।
रमेश बिधूड़ी का जन्म दक्षिण दिल्ली के ऐतिहासिक गांव तुगलकाबाद में एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। वह गुर्जर समुदाय से आते हैं और आरएसएस से भी जुड़े रहे हैं। बिधूड़ी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह कॉलेज से बी.कॉम और फिर मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री ली। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट में उन्होंने एडवोकेट के रूप में भी काम किया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से साल 1983 में रमेश बिधूड़ी ने छात्र राजनीति में अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद साल 1993 में वह सक्रिय राजनीति में आए और तब से ही लगातार राजनीतिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। उन्होंने महरौली में जिला महासचिव के तौर पर काम किया और 1997 से 2003 तक भाजपा के जिलाध्यक्ष रहे। वह दिल्ली प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष और महासचिव भी रहे।
उन्होंने साल 1993 में तुगलकाबाद विधानसभा सीट से चुनावी सफर की शुरुआत की थी, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 1998 के चुनाव में दोबारा उन्हें हार मिली। साल 2003 में पहली बार विधायक बने। परिसीमन के बाद तुगलकाबाद को दो हिस्सों में बांटा गया और ओखला नई विधानसभा सीट के रूप में सामने आई, जहां से बिधूड़ी ने 2008 और 2013 में लगातार जीत हासिल की।
इसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाए और 2014 तथा 2019 में चुनाव जीतकर सांसद बने। इसके बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया।
बिधूड़ी अक्सर विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। साल 2023 में उन्होंने संसद में बसपा सांसद कुंवर दानिश अली को आतंकवादी कहा था, जिसके बाद काफी विवाद हुआ। उनके इस कृत्य के लिए भाजपा ने भी उन्हें नोटिस जारी किया था। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान के लिए खेद प्रकट किया।
हाल ही में प्रियंका गांधी को लेकर भी उनका एक विवादित बयान सामने आया था। कांग्रेस ने इसकी कड़ी निंदा की और बिधूड़ी को खेद प्रकट करना पड़ा।
इसके बाद, बिधूड़ी ने आतिशी के सरनेम को लेकर भी एक विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि आतिशी ने अपना सरनेम मार्लेना से बदलकर सिंह रख लिया है, और यह उनके चरित्र को दर्शाता है। हालांकि, इस टिप्पणी के बाद भी बिधूड़ी ने खेद जताया।