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शकूर बस्ती की पिच पर सत्येंद्र जैन चौका मारने उतरेंगे, विपक्षी पार्टियां उठा रहीं भ्रष्टाचार का मुद्दा

Satyendra Jain will hit fours on the pitch of Shakur Basti, opposition parties are raising the issue of corruption.

दिल्ली के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक शकूर बस्ती से विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने दिग्गज नेता सत्येंद्र जैन को एक बार फिर टिकट दिया है। वह पिछले तीन चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन इस चुनाव से ठीक पहले वह मनी लॉन्ड्रिंग के केस में लगभग दो साल जेल में बिताकर आए हैं। ऐसे में एक तरफ विपक्षी पार्टियां भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर आप के खिलाफ प्रचार कर रही हैं तो दूसरी तरफ सत्येंद्र जैन अपने-आप को साजिश का शिकार बताकर जनता की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

शकूर बस्ती विधानसभा क्षेत्र चांदनी चौक लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यह दिल्ली के उत्तरी दिल्ली जिले में स्थित है और एक प्रमुख आवासीय और व्यावसायिक इलाका माना जाता है। शकूर बस्ती रेलवे स्टेशन इस क्षेत्र में स्थित एक छोटा रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन दिल्ली उपनगरीय रेलवे का हिस्सा है।

साल 2020 दिल्ली विधानसभा चुनावों में, आम आदमी पार्टी के सत्येन्द्र जैन ने 51,165 वोट प्राप्त कर चुनाव जीतने में सफलता प्राप्त की, जबकि भारतीय जनता पार्टी के एस.सी. वत्स को 43,573 वोट मिले और कांग्रेस के देव राज अरोड़ा को केवल 3,382 वोट मिले थे।

साल 2015 के चुनाव में भी सत्येन्द्र जैन ने 51,530 वोट प्राप्त किए थे, जबकि भाजपा के एससी वत्स को 48,397 वोट मिले थे और कांग्रेस के चमन लाल शर्मा को 4,812 वोट मिले थे।

साल 2013 में भी सत्येन्द्र जैन ने 40,232 वोट प्राप्त कर विजय हासिल की थी, जबकि भाजपा के श्याम लाल गर्ग को 33,170 और कांग्रेस के एससी वत्स को 18,799 वोट मिले थे।

शकूर बस्ती विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 1,56,352 हैं, जिनमें से 79,753 पुरुष और 76,594 महिला मतदाता हैं, जबकि थर्ड जेंडर के पांच मतदाता भी हैं। यह सीट दिल्ली की उन चंद सीटों में से एक है जहां तीन प्रमुख दलों – भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की है।

इस चुनाव में दिल्ली में सत्ता की रेस में आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला है, जबकि कांग्रेस भी सत्ता में वापसी की कोशिशों में है। साल 2020 के चुनाव में, जहां भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला था, कांग्रेस के लिए स्थिति अधिक चुनौतीपूर्ण रही। हालांकि, कांग्रेस की रणनीति 10 साल बाद एक बार फिर से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की है।

सत्येन्द्र जैन की लगातार तीन जीत ने उन्हें इस क्षेत्र में एक प्रमुख नेता के रूप में स्थापित किया है। वह अरविंद केजरीवाल की पहली कैबिनेट से मंत्री रहे थे, लेकिन 2022 में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। गिरफ्तारी के बावजूद, जैन की लोकप्रियता इस क्षेत्र में बरकरार रही और उनका राजनीतिक करियर प्रभावित नहीं हुआ है।

शकूर बस्ती का इलाका प्रमुख रूप से रानी बाग, सरस्वती विहार, ऋषि नगर, पश्चिम विहार, ज्वाला हेड़ी गांव और बाजार जैसे क्षेत्रों से मिलकर बना हुआ है। इस क्षेत्र में एससी, पूर्वांचली, वैश्य और पंजाबी समुदाय की मिलीजुली आबादी है। यहां के स्थानीय मुद्दों में टूटी सड़कें, सीवर का ओवरफ्लो, जाम और अतिक्रमण प्रमुख हैं। इसके अलावा, इलाके के लोग अवैध रूप से कूड़ा फेंके जाने की शिकायत करते हैं, जिससे उन्हें आने-जाने में दिक्कत होती है।

शकूर बस्ती विधानसभा क्षेत्र का इतिहास पुराना रहा है। यह क्षेत्र 1972 में विधानसभा क्षेत्र घोषित किया गया था। उस समय कम्युनिस्ट पार्टी के श्रीचंद ने भारतीय जनसंघ के नेता बनारसी दास को हराकर विजय हासिल की थी।

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