शिमला, 14 जून हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में, टेक्सास विश्वविद्यालय के मानविकी शिक्षा और अनुसंधान संघ (एचईआरए) के विशेष संस्करण ‘इंटरडिसिप्लिनरी ह्यूमैनिटीज’ जर्नल में “डाइंग परफॉर्मर्स: ए स्टडी ऑफ भुचेन्स ऑफ स्पीति रीजन ऑफ हिमाचल प्रदेश इन इंडिया” शीर्षक से शोध पत्र प्रकाशित किया गया है।
इतिहास विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. अंजलि वर्मा और उनके शोध सहयोगी राजू, जो एचपीयू के पूर्व छात्र हैं, द्वारा तैयार शोध पत्र में स्पीति घाटी में 10 परिवारों पर किए गए अध्ययनों के आधार पर क्षेत्रीय शोध पर प्रकाश डाला गया है।
स्पीति घाटी के 10 परिवारों पर शोध शोध पत्र — “डाइंग परफॉर्मर्स: ए स्टडी ऑफ भुचेन्स ऑफ स्पीति रीजन ऑफ हिमाचल प्रदेश इन इंडिया” — स्पीति घाटी में 10 परिवारों पर किए गए अध्ययनों के आधार पर क्षेत्रीय शोध पर प्रकाश डालता है
इसके साथ ही राजू अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना शोध प्रस्तुत करने वाले पहले विद्वान बन गए हैं। उनके क्षेत्रीय शोध, जो इस शोध पत्र का आधार बना, को पहले 2022 में भूटान के पारो में वज्रयान अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मान्यता मिली थी। वर्तमान में राजू धर्मशाला की एक निजी लाइब्रेरी में कार्यरत हैं।
यहां जारी एक बयान में डॉ. वर्मा ने कहा कि यह शोध स्पीति घाटी में 10 परिवारों के अस्तित्व को संरक्षित और बनाए रखने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय प्रयास है। उन्होंने कहा, “यह इतिहास विभाग का पहला शोध पत्र है जिसे अंतःविषय मानविकी में शामिल किया गया है।”
उन्होंने कहा कि करीब ढाई साल के अथक प्रयास और कठोर समीक्षा प्रक्रियाओं के बाद यह शोध टेक्सास विश्वविद्यालय की अत्यधिक प्रतिष्ठित पत्रिका का हिस्सा बन गया है। उन्होंने कहा, “ऐसे शोध निश्चित रूप से एचपीयू को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक साबित होंगे।”
डॉ. वर्मा ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं और संघों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उनके मार्गदर्शन में कई छात्रों ने विश्वविद्यालय को वैश्विक मान्यता दिलाई है।