वेतन न मिलने से नाराज हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एचआरटीसी) के कर्मचारियों (चालकों और कंडक्टरों) ने आज शिमला के पुराने बस स्टैंड पर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। वे अगले 15 दिनों के भीतर अपने वेतन और अन्य बकाया राशि के भुगतान की मांग कर रहे थे। उन्होंने धमकी दी कि यदि उनकी मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार नहीं किया गया तो वे 24 दिसंबर से सेवाएं देना बंद कर देंगे।
प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए और आने वाले दिनों में आंदोलन तेज करने की धमकी भी दी। एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने कहा, “हर महीने हमें सरकार से वेतन जारी करने की गुहार लगानी पड़ती है। इस महीने भी नौ दिन हो गए हैं और हमें अभी तक वेतन नहीं मिला है, जो बेहद चिंता का विषय है। यह एक आदत सी बन गई है कि जब भी हम वेतन, बकाया और एरियर मांगते हैं, तो वे कहते हैं कि एचआरटीसी घाटे में चल रही है। जब हमें वेतन नहीं मिलता और ओवरटाइम भी करना पड़ता है, तो हम बसें क्यों चलाएं?”
उन्होंने कहा, “अगर सरकार एचआरटीसी को बंद करने या इसे किसी निजी कंपनी को सौंपने का इरादा रखती है, तो उसे आगे बढ़ना चाहिए और हम इसका पूरा समर्थन करेंगे, क्योंकि हम बस यही चाहते हैं कि हमें समय पर वेतन मिले।” उन्होंने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि एचआरटीसी कर्मचारियों को वेतन मिले और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर यानी महीने की पहली तारीख को पेंशन मिले, अन्यथा उन्हें एचआरटीसी को हमेशा के लिए बंद कर देना चाहिए।”
मान सिंह ने कहा, “एचआरटीसी को राज्य की जीवन रेखा माना जाता है और हम नहीं चाहते कि हमारी वजह से लोगों को परेशानी हो। इसलिए हम लोगों से भी अपील करते हैं कि वे हमारा समर्थन करें और बस सेवाओं में व्यवधान के लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराएँ।” उन्होंने आगे कहा कि आगे की रणनीति पर कोई भी फ़ैसला 24 दिसंबर को होने वाली यूनियन की बैठक में लिया जाएगा। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी माँगों पर सकारात्मक विचार नहीं किया गया तो वे 24 दिसंबर से बस सेवाएँ देना बंद कर देंगे।


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