बॉलीवुड अभिनेत्री हुमा कुरैशी ने फिल्मों और ओटीटी सीरीज के जरिए अलग पहचान बनाई है। वह हमेशा उन कलाकारों में से रही हैं, जो न सिर्फ चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं को स्वीकार करती हैं, बल्कि अपनी सोच और पसंद के अनुसार काम करने की आजादी को सबसे आगे रखती हैं।
इस कड़ी में जागरण फिल्म फेस्टिवल के दौरान आईएएनएस से खास बातचीत में हुमा ने फिल्म इंडस्ट्री में रचनात्मक आजादी के महत्व पर अपने विचार रखे।
आईएएनएस से बात करते हुए हुमा कुरैशी ने कहा कि एक मजबूत फिल्म इंडस्ट्री तभी संभव है, जब हर तरह की फिल्में बनाने का मौका मिले। इंडस्ट्री में सिर्फ बड़ी फिल्में या ब्लॉकबस्टर ही नहीं, बल्कि छोटी, मध्यम दर्जे की और इंडिपेंडेंट फिल्मों की भी काफी अहमियत होती है। फिल्म निर्माता दर्शकों को ध्यान में रखते हुए नई कहानी और शैली में तरह-तरह के प्रयोग कर सकते हैं। ऐसा करने से न केवल इंडस्ट्री मजबूत बनती है, बल्कि दर्शकों को भी अलग-अलग तरह की फिल्मों का अनुभव मिलता है।”
उन्होंने कहा, ”हमें दर्शकों को देखकर फिल्म बनानी चाहिए। बड़ी फिल्में बननी चाहिए, छोटी फिल्में, सामान्य फिल्में, और इंडिपेंडेंट फिल्मों पर भी ध्यान देना चाहिए। जब हर तरह की फिल्मों को बनाने की आजादी होती है और लोग उन्हें देखने का मौका पाते हैं, तब ही फिल्म इंडस्ट्री मजबूत और जीवंत बनती है।”
हुमा ने ‘दिल्ली क्राइम सीजन 3’ में अपने खलनायिका के रोल के बारे में भी बात की। उन्होंने आईएएनएस को बताया कि यह उनके करियर में पहली बार था, जब उन्होंने इस तरह का नकारात्मक किरदार निभाया है। जब उन्हें इस शो के लिए कॉल आया, तो वह उस समय ‘महारानी’ की शूटिंग कर रही थीं।
उन्होंने कहा, ”मैं इस शो को लेकर पहले सोच रही थी कि शायद मुझे पुलिस वाले का मुख्य रोल मिलेगा, लेकिन मुझे बताया गया कि यह एक नेगेटिव रोल है।”
हुमा ने कहा, ”खलनायिका का रोल निभाना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन इसे करने में बेहद मजा आया। दर्शक इस किरदार में मुझे एक बिल्कुल अलग अंदाज में देखेंगे। ‘महारानी’ और ‘दिल्ली क्राइम’ जैसे दोनों शोज लगातार आने की वजह से मुझे रोजाना कई कॉल और मैसेज मिल रहे हैं, जिसमें लोग दोनों किरदारों की तारीफ कर रहे हैं।”
‘दिल्ली क्राइम सीजन 3’ 13 नवंबर को नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो चुकी है।

