देहरादून, 8 जुलाई । उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीट गंवाने के बाद कांग्रेस नेताओं के बीच जंग छिड़ी हुई है। हालात ये है कि प्रदेश के पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस्तीफे तक की बात कह दी है।
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस का उत्तराखंड से सूपड़ा साफ हो गया। पांचों सीट उसके हाथ से निकल गई और भाजपा के खाते में चली गई। ऐसे में कमी कहां रह गई इस पर कम और एक दूसरे को कटघरे में खड़े करने का दौर जारी है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा पार्टी के पुराने दिग्गजों के रवैए पर खुलकर तो कुछ कहने से बच रहे हैं लेकिन उनकी बेरुखी की ओर इशारा जरूर कर रहे हैं। वो लगातार इस बात को दोहरा रहे हैं कि पार्टी के बड़े नेता अगर चुनाव लड़ते तो स्थिति कुछ और होती। कहते हैं, चुनाव में अगर परिस्थितियां अनुकूल न हों तो बड़े नेताओं को चुनाव में उतरकर परिस्थितियों को अनुकूल बनाना चाहिए।
लोकसभा चुनाव 2024 के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने से पहले माहरा लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं हरीश रावत, यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह को चुनावी मैदान में उतरने की पैरवी कर रहे थे। लेकिन इन तीनों नेताओं ने चुनाव लड़ने से साफ तौर पर इनकार कर दिया था। जिसके बाद पार्टी ने अन्य प्रत्याशियों को चुनावी समर में उतारा।
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत मानते हैं कि चुनाव नतीजों में बदलाव नहीं आता। उनके मुताबिक चुनाव का परिणाम तब भी वही होता, जो अब है यानि अगर बड़े नेता मैदान में उतरते तब भी नतीजे ऐसे ही होते। उन्होंने पार्टी के प्रदेश संगठन और प्रदेश अध्यक्ष के बयानों पर तंज कसा। कहा, कि अगर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस प्रस्ताव पारित करके उन्हें राजनीति से संन्यास के लिए कहे तो वह तैयार हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के इस बयान पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सीधे तौर पर कुछ कहने से अब बच रहे हैं। उन्होंने कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
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