दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए दिल्ली की भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि आज दिल्ली की स्थिति यह है कि लोग नौकरियां छोड़कर पहाड़ों पर जा रहे हैं, सांस लेने में तकलीफ हो रही है, बच्चों को बचाने के लिए लोग दिल्ली छोड़ रहे हैं और मैंने खुद अपने पोते की सेहत को देखते हुए उसे मुंबई शिफ्ट कर दिया है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने कहा कि क्या आप सोच भी सकते हैं, दिल्ली की स्थिति क्या हो गई है? लोग सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वह भी लोकतंत्र की राजधानी में। सरकार क्या कर रही है? जब पूरा देश परेशान है, तो वे बस ‘सॉरी’ कह रहे हैं। दिल्ली में लोग इतनी ज्यादा परेशानी झेल रहे हैं कि कुछ लोग अपनी नौकरी छोड़कर पहाड़ों पर जा रहे हैं। कुत्ते भी खांस रहे हैं। ऐसी हालत है। मैंने अपने पोते को खुद मुंबई शिफ्ट कर दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि जब वंदे मातरम के मुद्दे पर संसद के शीतकालीन सत्र में 10 घंटे की चर्चा हो सकती है तो दिल्ली प्रदूषण पर दो घंटे की चर्चा सरकार क्यों नहीं करा रही है। राजधानी में सरकार की ओर से ग्रैप के चौथे चरण को लागू करने पर कहा कि इससे क्या हल निकलेगा, बस लोगों को परेशान किया जा रहा है।
आम आदमी पार्टी के नेता अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि आज 17 दिसंबर है, लेकिन एक्यूआई अभी भी 500 के आसपास है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने दिल्ली के लोगों से माफी मांगी है, लेकिन ये वही लोग हैं जो पहले आप सरकार की आलोचना करते थे। फिर भी, वे दिल्ली के लोगों के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण की ऑपरेशन सिंदूर पर विवादित टिप्पणी पर अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि कोई भी नेता किसी भी पार्टी का हो, देश पहले आता है। अगर कोई पूर्व में बड़े पद पर रहा हो, उससे ऐसे व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जाती है, यह दुखद है और सही नहीं है। हम ऑपरेशन सिंदूर में हमेशा सफल रहे हैं।
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने प्रदूषण को लेकर कहा कि मैंने यह स्थगन प्रस्ताव सिर्फ इस मुद्दे पर चर्चा करने का मौका पाने के लिए उठाया है ताकि देश भी इस पर चर्चा कर सके। वायु प्रदूषण को रोकना ही होगा, सरकार को ठोस कदम उठाना ही होगा।


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