शिमला, 2 सितंबर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के इस दावे पर कि राज्य में कोई वित्तीय संकट नहीं है, विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने पूछा कि अगर कोई वित्तीय संकट नहीं है तो सरकार ऋण क्यों ले रही है? ठाकुर ने पूछा, “इसके अलावा, सरकार को लोगों को यह भी बताना चाहिए कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए सहारा योजना क्यों बंद कर दी गई है? और हिमकेयर योजना के तहत ओपन हार्ट सर्जरी क्यों बंद कर दी गई है?”
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे पूछा कि युवाओं को नौकरी क्यों नहीं मिल रही है और परिणाम घोषित होने के बाद भी नियुक्तियां क्यों नहीं की जा रही हैं।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अपने तेजी से बदलते रुख से राज्य को शर्मसार कर रहे हैं। ठाकुर ने कहा, “एक दिन वह कहते हैं कि राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है और अगले दिन वह कहते हैं कि सब ठीक है।”
ठाकुर ने कहा कि विपक्ष ने सरकार को अपनी नीति और नीयत सुधारने के लिए पर्याप्त समय दिया था, लेकिन डेढ़ साल के कार्यकाल से साफ है कि उसे जनहित के मुद्दों में कोई दिलचस्पी नहीं है। वह सिर्फ अपने मित्रों को आगे बढ़ाने के एजेंडे पर काम कर रही है। भाजपा इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की जनता इस सरकार की मंशा को समझ नहीं पा रही है। मुख्यमंत्री और उनके मंत्री सुबह कुछ कहते हैं और शाम को कुछ और। विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री, सीपीएस, मंत्री और विधायक दो महीने तक वेतन नहीं लेंगे। और शाम को पता चलता है कि मुख्यमंत्री ने अपने करीबी मित्र का मानदेय 30 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 30 हजार कर दिया है।
‘राज्य को शर्मसार करना’ मुख्यमंत्री अपने तेजी से बदलते रुख से राज्य को शर्मसार कर रहे हैं। एक दिन कहते हैं कि राज्य की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है, तो दूसरे दिन कहते हैं कि ठीक है। उनके डेढ़ साल के कार्यकाल से साफ है कि उन्हें जनहित के मुद्दों में कोई दिलचस्पी नहीं है। वे सिर्फ अपने मित्रों को आगे बढ़ाने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। भाजपा इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। – जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री
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