August 21, 2025
National

‘राहुल अपनी पार्टी के नेता नहीं बन पा रहे, तो देश के प्रधानमंत्री कैसे बनेंगे’, भाजपा का पलटवार

‘If Rahul is not able to become the leader of his own party, then how will he become the Prime Minister of the country’, BJP’s counter attack

कांग्रेस और उनके सहयोगी दल राहुल गांधी को अगला ‘प्रधानमंत्री उम्मीदवार’ प्रमोट करने में जुट चुके हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी कहा कि वो राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं। हालांकि, भाजपा के नेताओं ने इस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल पहले अपनी पार्टी के नेता बन जाएं।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को लेकर तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयान पर भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, “राहुल गांधी अपनी पार्टी के नेता नहीं बन पा रहे हैं, तो देश के प्रधानमंत्री कैसे बनेंगे?”

शशांक मणि त्रिपाठी ने दावा किया कि कांग्रेस के ही कई सांसद राहुल गांधी से खुश नहीं हैं। राहुल ने उन सांसदों को बैकबेंचर बना दिया है। अगर परिवार से जुड़ा हुआ कोई नहीं होता है तो राहुल गांधी उसे तवज्जो नहीं देते हैं। यह पूरी तरह गलत है। भाजपा सांसद ने आगे कहा, “राहुल गांधी को परिवारवाद से हटकर सशक्त कांग्रेस की नींव रखनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं कर रहे हैं इसलिए पहले वह कांग्रेस पार्टी में ठीक से जमें।”

भाजपा सांसद दामोदर अग्रवाल ने भी इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर जनता चाहेगी तो वह (प्रधानमंत्री) जरूर बनेंगे। लोकतंत्र में जनता ही सच्ची संप्रभु होती है, कोई भी व्यक्ति संप्रभु नहीं होता है। जनता का विश्वास जब तक हासिल होता है, कोई व्यक्ति तब तक पद पर रहता है। देश की जनता ने लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया है।

इससे पहले, रेवंत रेड्डी ने राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद कहा था, “राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए। राजीव गांधी से प्रेरणा लेकर हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक हम राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नहीं बना देते।” तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि राजीव गांधी ने राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। पारदर्शी शासन प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना राजीव गांधी की सोच थी।

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