बद्दी पुलिस जिले में खनन चालान में इस वर्ष भारी गिरावट दर्ज की गई है, हालांकि इस सीमावर्ती औद्योगिक क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियां जोरों पर हैं।
बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ औद्योगिक क्षेत्र हरियाणा और पंजाब की सीमा से सटा हुआ है और खनन वहां एक आकर्षक गतिविधि है क्योंकि खदान सामग्री को नदी के किनारों पर कई छिद्रपूर्ण मार्गों के माध्यम से आसानी से पड़ोसी राज्यों में स्थानांतरित किया जाता है। इस वर्ष पुलिस विभाग द्वारा जारी किए गए खनन चालानों के अवलोकन से पता चलता है कि अवैध गतिविधि में शामिल उल्लंघनकर्ताओं पर लगाए गए जुर्माने में कमी आई है।
बद्दी के एडिशनल एसपी अशोक वर्मा ने बताया कि 2023 में 694 चालान जारी किए गए थे, जबकि इस साल 403 चालान जारी किए गए, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 454 तक पहुंच गया। पिछले साल खनन चालान से जहां 92 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया था, वहीं इस साल यह घटकर 76 लाख रुपये रह गया।
मई में एक खनन निरीक्षक को अगवा कर पंजाब ले जाया गया, जब वह नालागढ़ के धबोटा इलाके में बोदला खड्ड के पास रात के समय अवैध गतिविधि में शामिल वाहनों को जब्त कर रहा था। माफिया ने खनन टीम को धारदार हथियारों से धमकाया और उनके जब्त वाहनों को छीन लिया। अधिकारी को छुड़ाने के लिए पंजाब पुलिस की मदद ली गई, जिसे एक सुनसान जगह पर छोड़ दिया गया।
सीमाओं पर कड़ी निगरानी न रखने तथा भागने के रास्तों को बंद करने के लिए अपर्याप्त उपायों के कारण अवैध खनन के मामलों में तेजी आई है, जैसा कि इस वर्ष उल्लंघनकर्ताओं को जारी किए गए चालानों में कमी से स्पष्ट है।
यहां तक कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी पाया है कि चंडीगढ़-बद्दी रेलवे परियोजना में अवैध रूप से खनन की गई मिट्टी और मिट्टी जैसी सामग्री का इस्तेमाल किया गया था। इस मुद्दे की जांच के लिए 19 अप्रैल को गठित एक समिति ने पाया कि बद्दी में शीतलपुर से दसोमाजरा तक के हिस्से में लगभग 21,600 मीट्रिक टन मिट्टी और मलबा अवैध रूप से निकाला गया था।
Leave feedback about this