अमरावती, 15 अक्टूबर । दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में मंगलवार को दूसरे दिन भी बारिश जारी रही। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण भारी वर्षा का पूर्वानुमान है, जिसके कारण कुछ जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है।
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी भाग में मौसम में बदलाव आने की संभावना है, जिससे उत्तर तमिलनाडु, पुदुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भारी बारिश की संभावना बन रही है।
दक्षिण आंध्र प्रदेश और रायलसीमा के लिए आईएमडी ने मंगलवार को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा का पूर्वानुमान लगाया है। बुधवार को कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। छिटपुट स्थानों पर गुरुवार को भी भारी वर्षा होने की संभावना है।
समुद्र में मध्यम से लेकर ऊंची लहरें उठने की संभावना के कारण मौसम विभाग ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है। समुद्र में मौजूद मछुआरों को भी तटों पर लौटने की सलाह दी गई है। दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के नेल्लोर तथा प्रकाशम जिलों और रायलसीमा के कडप्पा और चित्तूर जिलों में कम से लेकर मध्यम स्तर की बाढ़ का खतरा है। मौसम विभाग ने कहा है कि सड़कों पर स्थानीय स्तर पर बाढ़ आ सकती है, निचले इलाकों में जलभराव हो सकता है और मुख्य रूप से शहरी इलाकों में अंडरपास बंद हो सकते हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग ने कृष्णा, एनटीआर, गुंटूर, बापटला, पालनाडु, प्रकाशम और नेल्लोर जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया है।
रायलसीमा के कुरनूल, नांदयाल और अन्नामय्या जिलों में भी अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है। इस बीच, मंगलवार को लगातार दूसरे दिन नेल्लोर और प्रकाशम जिलों में बारिश जारी रही।
दूसरे दिन भी शैक्षणिक संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया था। वेंकटगिरी और नेल्लोर में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों को तैयार रखा गया है।
नेल्लोर जिलों में 146 राहत शिविर खोले गए हैं। कुछ निचले इलाकों के लोगों को पहले ही शिविरों में भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को सतर्क रहने और संभावित बाढ़ के कारण जानमाल के नुकसान को रोकने का निर्देश दिया है।
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