भोपाल, 28 फरवरी । लोकसभा चुनाव करीब हैं और कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई की कार्यकारिणी का गठन नहीं हो पाया है। इसका सीधा असर पार्टी के कामकाज पर पड़ रहा है।
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष पद पर कमलनाथ के स्थान पर जीतू पटवारी की नियुक्ति की।
प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पटवारी ने प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया और उसके बाद से अब तक नई नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं। आगामी दिनों में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ प्रदेश से होकर गुजरने वाली है। प्रदेश कार्यकारिणी में जिम्मेदारी नहीं सौंपे जाने का असर यात्रा पर पड़ने की संभावना बनी हुई है।
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अब्बास हाफिज का कहना है कि प्रदेश कार्यकारिणी को भंग किया गया है, मगर जिला इकाइयां, मंडल इकाई और सेक्टर इकाई यथावत है। जिन क्षेत्रों से राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ गुजरना है, वहां की इकाइयों को जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही विशेष समितियां भी गठित की गई है।
माना जाता है कि प्रदेश कार्यकारिणी के भंग होने और नई नियुक्तियां न होने से प्रमुख नेता असमंजस में हैं, उन्हें अपना भविष्य संकट में नजर आ रहा है। इसका असर पार्टी की गतिविधियों पर पड़ रहा है।