फतेहाबाद जिले के जाखल ब्लॉक समिति के चुनाव में उस समय नाटकीय मोड़ आ गया जब एक बार हटाए गए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सोमवार को लॉटरी के जरिए दोबारा अपने पदों पर चुन लिए गए। उन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया गया था।
जगतार सिंह और मीनू कंबोज को समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद से 3 जून को हटा दिया गया था, जब सात सदस्यों ने फतेहाबाद के एडीसी के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
प्रस्ताव पारित हो गया और उनके पद रिक्त घोषित कर दिए गए। 16 जून को फिर से चुनाव होना था, लेकिन कोरम की कमी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। उस दिन बैठक में 10 में से केवल पांच समिति सदस्य ही उपस्थित थे। इसके बाद प्रशासन ने 24 जून को चुनाव की तारीख तय की।
सोमवार को खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय (बीडीपीओ) में दोबारा चुनाव हुए। समिति अध्यक्ष पद के लिए वार्ड 3 से सुखतिंदर और पूर्व समिति अध्यक्ष जगतार सिंह ने नामांकन दाखिल किया। दोनों को पांच-पांच वोट मिले। इसी तरह समिति उपाध्यक्ष पद के लिए सरबजीत कौर और पूर्व समिति उपाध्यक्ष मीनू कंबोज को पांच-पांच वोट मिले।
वोट बराबर होने पर सभी प्रत्याशियों ने ड्रा के माध्यम से परिणाम तय करने पर सहमति जताई। ड्रा में पूर्व प्रधानों का पक्ष लिया गया और जगतार सिंह को फिर से समिति अध्यक्ष चुना गया, जबकि मीनू कंबोज फिर से समिति उपाध्यक्ष बनीं। बैठक की अध्यक्षता जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी अनूप कुमार ने की।
चुनाव के लिए भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया था। थाना प्रभारी कुलदीप सिंह ने बताया कि पुलिस की तीन टीमें तैनात की गई थीं तथा खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय में कड़ी सुरक्षा के बीच चुनाव शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।
हारे हुए उम्मीदवारों सुखतिंदर सिंह और सरबजीत कौर ने नतीजों के बाद गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि उनके समर्थन में खड़े दो सदस्यों को लाखों रुपए की रिश्वत दी गई और दबाव में वोट देने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने दावा किया कि उनके पास इस संबंध में सबूत हैं और वे जल्द ही उच्च अधिकारियों के सामने इसे पेश करेंगे।