रांची, 12 अगस्त । झारखंड में ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों के खिलाफ कानून का डंडा सख्ती के साथ चल रहा है। विभाग की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2024 की पहली छमाही यानी जनवरी से लेकर जून तक पूरे राज्य में कुल 13,415 लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए हैं। इनमें से कई लोगों के लाइसेंस अंतिम तौर पर रद्द करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।
दोपहिया वाहन चलाने के दौरान हेलमेट नहीं पहनने के कारण सबसे ज्यादा 9,478 लोगों के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं। ओवरलोड वाहन चलाने के आरोप में 2,034 लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। खतरनाक तरीके से गाड़ी ड्राइव करने के मामले में 788 लोगों के लाइसेंस सस्पेंड हुए हैं। सड़क पर दौड़ती कंडम गाड़ियां भी दुर्घटना का कारण बनती हैं। ऐसे मामले में 759 लोग कार्रवाई की जद में आए हैं।
रैश ड्राइविंग और ओवर स्पीड के केस में 238 लोगों के खिलाफ एक्शन हुआ है। जबकि, ‘ड्रिंक एंड ड्राइव’ यानी नशे में ड्राइविंग के 121 केस में ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं। पूरे राज्य में रांची में ट्रैफिक रूल्स के उल्लंघन के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं और इस वजह से यहां सबसे ज्यादा लोगों पर कार्रवाई हुई है। यहां औसतन हर रोज 15 से 16 लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किए जा रहे हैं।
पिछले छह महीनों में यहां सस्पेंड किए गए ड्राइविंग लाइसेंस की संख्या 2,308 है। पिछले साल यानी 2023 में यहां 6,248 लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किए गए थे। दूसरे नंबर पर देवघर है, जहां छह महीने में 1,704 लोगों पर इसी तरह की कार्रवाई हुई है। इसी तरह लातेहार जिले में 1,444 और जमशेदपुर में 1,299 लोगों के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं। सबसे कम दुमका जिले में मात्र दो लोगों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक राज्य में छह महीने में 2,729 रोड एक्सीडेंट के केस दर्ज किए गए हैं, जिसमें 2,142 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। जबकि, 1,777 लोग जख्मी हुए हैं। राज्य में औसतन हर रोज 13 से 14 लोगों की सड़क हादसे में जान जा रही है।
परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार, पहली बार ट्रैफिक रूल्स तोड़न पर तीन माह और दूसरी बार पकड़े जाने पर भी तीन माह के लिए ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) सस्पेंड किया जाता है। जबकि, तीसरी बार में ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है।
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