सिरसा, 6 अगस्त सिरसा जिले में ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ ने सोमवार को राज्य सरकार के खिलाफ लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया और धरना दिया। संघ के नेता सोहन लाल ने कहा कि उन्हें कर्मचारी या श्रमिक नहीं बल्कि सामाजिक कार्यकर्ता माना जाता है, यही वजह है कि उनके पारिश्रमिक को वेतन के बजाय मानदेय कहा जाता है। उन्हें न तो महंगाई भत्ता मिलता है, न ही वार्षिक वेतन वृद्धि, वर्दी धुलाई भत्ता या औजार भत्ता। ऐसा लगता है कि सरकार सफाई कर्मचारियों को ठेका प्रणाली के माध्यम से काम पर रखना पसंद करती है, जिसके कारण कर्मचारी हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं।
कर्मचारियों ने नौकरी नियमित करने, ऑनलाइन हाजिरी खत्म करने और पंचायतों के बजाय सरकारी पेरोल पर रखने की मांग की है। वे न्यूनतम मासिक वेतन 26,000 रुपये, वार्षिक वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ते की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी मांग की कि तिमाही बजट के बजाय वार्षिक बजट जारी किया जाए, जिसमें हर महीने की सात तारीख को वेतन का भुगतान किया जाए। पीएफ और ईएसआई कार्ड जारी करना भी एक प्रमुख मांग थी, साथ ही किसी कर्मचारी की मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। इसके अलावा, वे मासिक औजार और वर्दी भत्ते के साथ-साथ अपने बच्चों के लिए शिक्षा भत्ता की भी मांग कर रहे हैं।
इसके अलावा, कर्मचारी मृत्यु मुआवजा, दिवाली बोनस और अपने बच्चों के लिए शिक्षा भत्ता की मांग कर रहे हैं। वे सरकार से 100 गज के प्लॉट और आवास अनुदान की भी मांग कर रहे हैं।