July 4, 2025
National

बिहार में संभावित बाढ़ के मद्देनजर अतिसंवेदनशील तटबंधों की निगरानी, ‘श्रमिक’ तैनात

In view of the possible flood in Bihar, monitoring of vulnerable embankments, ‘labourers’ deployed

बिहार में संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। विभाग का दावा है कि विभिन्न नदियों पर अवस्थित अतिसंवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर बाढ़ से पूर्व कटाव निरोधक कार्य पूर्ण करा लिए गए हैं।

बाढ़ अवधि के दौरान खतरनाक, अतिसंवेदनशील और संवेदनशील स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में बाढ़ संघर्षात्मक सामग्रियों का भंडारण भी कर लिया गया है।

राज्य के विभिन्न जिलों में चिन्हित किए गए अतिसंवेदनशील और संवेदनशील स्थलों की विशेष निगरानी के इंतजाम किए गए हैं। बाढ़ से बचाव के लिए राज्य की विभिन्न नदियों में कटाव निरोधक कार्य पूरे हो चुके हैं। इनमें गंगा, कोसी, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और महानंदा नदी बेसिन शामिल हैं।

विभाग के मुताबिक, खतरनाक और अतिसंवेदनशील स्थलों पर तटबंध एम्बुलेंस की तैनाती की गई है, जिसमें एक ट्रैक्टर पर पोर्टेबल जेनरेटर, हैलोजन लाइट, ईसी बैग, नायलन क्रेट, खाली जिओ बैग एवं फिल्टर मटेरियल के साथ कम से कम दस मजदूरों को तैनात किया गया है।

बाढ़ संभावित इलाके के 3,808 किलोमीटर तटबंध की निगरानी के लिए प्रत्येक एक किलोमीटर पर एक तटबंध श्रमिक की तैनाती की गई है। तटबंधों पर निगरानी एवं चौकसी के लिए पदाधिकारियों एवं श्रमिकों के अस्थायी आवासन, शौचालय एवं पेयजल की व्यवस्था की गई है।

बाढ़ के दौरान खतरनाक तटबंधों की सुरक्षा के लिए क्षेत्रीय अभियंताओं को परामर्श देने के लिए अनुभवी और सेवानिवृत्त अभियंताओं की अध्यक्षता में कुल 11 बाढ़ सुरक्षा बलों का भी गठन किया गया है।

विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, पड़ोसी देश नेपाल में स्थित कोसी बराज एवं तटबंधों पर बाढ़ सुरक्षा के कार्य कराए जा चुके हैं। नेपाल के जल एवं मौसम विभाग से नेपाल-उत्तर बिहार के विभिन्न नदी बेसिन में होने वाले वास्तविक वर्षापात और वर्षा के पूर्वानुमान की सूचना प्राप्त की जा रही है।

बिहार के जल संसाधन विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी कहते हैं, “बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सतत निगरानी का कोई और विकल्प नहीं है। ऐसा कोई भी तटबंध का हिस्सा नहीं छूटा है, जहां वरिष्ठ अधिकारी का निरीक्षण नहीं हुआ हो। साथ ही सभी स्थलों तक सुगम पहुंच सुनिश्चित की गई है। तटबंधों के आसपास स्थित जर्जर पुल एवं पुलियों की भी रिपोर्ट तैयार की गई है।”

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