पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग के नवनिर्मित न्यायालय कक्ष का आज आयोग के अध्यक्ष श्री जसवीर सिंह गढ़ी और सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख सचिव, श्री वी.के. मीणा, आईएएस द्वारा औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया। यह न्याय प्रदान करने की व्यवस्था को मज़बूत करने और अनुसूचित जाति समुदाय के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस पहल का एक प्रमुख आकर्षण यह है कि यह नवनिर्मित न्यायालय कक्ष पूरे देश में किसी भी राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अंतर्गत अपनी तरह का पहला न्यायालय कक्ष है। यह ऐतिहासिक उपलब्धि न्याय तक पहुँच को बेहतर बनाती है और अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय प्रगतिशील मिसाल कायम करती है।
इस अवसर पर बोलते हुए, अध्यक्ष श्री जसवीर सिंह गढ़ी ने कहा कि नया न्यायालय कक्ष त्वरित सुनवाई, मामलों के समय पर निपटारे और आयोग के कामकाज में समग्र दक्षता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने आगे कहा कि यह पहल अनुसूचित जाति समुदाय के अधिकारों और सम्मान की रक्षा और समानता के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने आगे बताया कि न्यायालय कक्ष को आधुनिक सुविधाओं और सुव्यवस्थित बैठने की व्यवस्था से सुसज्जित किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी सुनवाइयां पेशेवर, पारदर्शी और बिना किसी देरी के संपन्न हों।
अध्यक्ष गढ़ी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस न्यायालय कक्ष के शुभारंभ से आयोग अधिक ज़िम्मेदारी, संवेदनशीलता और कुशलता से कार्य करेगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि आयोग को प्राप्त होने वाली प्रत्येक शिकायत का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाएगा और समय पर न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।
उन्हों यह भी घोषणा की कि आयोग शीघ्र ही एक ऑनलाइन न्यायालय प्रणाली शुरू करेगा, जिससे शिकायतकर्ता वर्चुअल रूप से इसमें भाग ले सकेंगे – जिससे जनता का समय, यात्रा और व्यय बचेगा।
इस अवसर पर सामान्य प्रशासन विभाग की सचिव श्रीमती गौरी पाराशर जोशी, आईएएस, सदस्य सचिव डॉ. नयन जस्सल, आयोग के सदस्य श्री गुलजार सिंह, श्री गुरप्रीत सिंह और श्री रूपिंदर सिंह तथा अनुसूचित जाति आयोग का समस्त स्टाफ उपस्थित था।

