February 3, 2025
National

दिल्ली में विधायकों का फंड बढ़ाना झूठ का पुलिंदा, जनता के मुद्दों से इनका कोई सरोकार नहीं : ओपी शर्मा

Increasing funds of MLAs in Delhi is a bundle of lies, they have nothing to do with public issues: OP Sharma

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर । दिल्ली कैबिनेट ने गुरुवार को विधायक फंड की राशि 10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपये करने का फैसला किया। इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है।

दिल्ली के भाजपा विधायक ओ.पी. शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जो विधायकों का फंड बढ़ाया है वह एक झूठ का पुलिंदा है। कोरोना महामारी से पहले 10 करोड़ विधायक फंड दिल्ली में था। ट्रांस यमुना बोर्ड से यमुना पार के विधायकों को लगभग पांच करोड़ रुपये मिल जाते था। इन्होंने ट्रांस यमुना बोर्ड को खत्म कर दिया है। वर्षों से उसमें पैसे नहीं दिए गए हैं। वही पैसे विधायक फंड में जोड़ दिए गए हैं। सीवर और वाटर डिपार्टमेंट में फंड के नाम पर एक पैसा नहीं है, सौ मीटर पाइपलाइन के लिए इनके पास पैसे नहीं हैं, सीवर का बुरा हाल है। पानी के लिए पूरी दिल्ली में हाहाकार मचा हुआ है। आम आदमी पार्टी की सरकार का जनता के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि जलापूर्ति विभाग में 70 हजार करोड़ का घोटाला हुआ। उसकी वजह से दिल्ली जल बोर्ड किसी भी तरीके का पानी या फिर सीवर की पाइप लाइन पर एक रुपया भी खर्च नहीं कर पा रहा है। पूरी दिल्ली पानी और भरे हुए सीवरों से परेशान है। अस्पतालों के अंदर दवाई नहीं है। आरोप-प्रत्यारोप की सियासत छोड़कर दिल्ली की बुनियादी समस्याओं पर सरकार को ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि 2013 से पहले केजरीवाल नैतिकता की बात थे। वह कहते थे कि न तो बंगला चाहिए, न गाड़ी चाहिए। लेकिन इन्होंने 45 करोड रुपये से रिनोवेशन का काम कराया। पब्लिक फंड का मिसयूज करने वाले लोगों को नैतिकता और जनता की बात करना शोभा नहीं देता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को सील करने और मुख्यमंत्री आतिशी का सामान बाहर किए जाने पर उन्होंने कहा, “आम आदमी पार्टी के सदस्य झूठ के अलावा कुछ नहीं बोलते हैं। जब कोई मकान उपमुख्यमंत्री या किसी अधिकारी द्वारा खाली किया जाता है, तो एक सूची बनाई जाती है कि पहले और बाद में वहां क्या था, फिर चाबियां सौंप दी जाती हैं। इस मामले में फिर से आवंटन के लिए सक्षम अधिकारी ने कोई जांच नहीं की और चाबियां वापस कर दी गईं, जिसका अर्थ है कि आवंटन ठीक से या कानूनी रूप से नहीं किया गया था।”

उपराज्यपाल की तरफ से कहा गया है कि आतिशी को आधिकारिक रूप से सरकारी बंगला आवंटित नहीं किया गया था। इसके बावजूद उन्होंने अवैध रूप से सरकारी बंगले में घुसने की कोशिश की थी और जब आप किसी के घर में घुसते हैं, तो स्वाभाविक है कि उस घर का मालिक आपके खिलाफ कार्रवाई करेगा ही।

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