शिमला, स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता 106 वर्षीय श्याम सरन नेगी का शनिवार को हिमाचल प्रदेश में उनके पैतृक स्थान कल्पा में निधन हो गया। नेगी ने तीन दिन पहले प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए डाक मतपत्र के जरिए मतदान किया था। यह जानकारी नेगी के परिजनों ने दी। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि नेगी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। नेगी ने बुधवार को किन्नौर विधानसभा क्षेत्र में मतदान किया था।
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार उन्होंने 1951-52 में हुए देश के पहले आम चुनाव में भी मतदान किया था।
नेगी ने अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद राज्य की राजधानी से लगभग 275 किलोमीटर दूर स्थित अपने गांव कल्पा में कहा था, 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद से मैंने कभी भी मतदान का मौका नहीं गंवाया और मुझे इस बार भी मतदान करने में खुशी हो रही है।
पिछले साल भी उन्होंने मंडी संसदीय उपचुनाव के लिए मतदान किया था।
चुनाव अधिकारियों ने कहा कि पहले के मौकों पर नेगी मतदान के लिए नजदीकी मतदान केंद्र गए थे।
पहले की तरह उन्होंने इस बार भी युवा मतदाताओं से अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया था।
लोकतंत्र में दृढ़ विश्वास रखने वाले नेगी ने पंचायत से लेकर लोकसभा तक हर चुनाव में मतदान किया। वह कभी भी मतदान से वंचित नहीं रहे।
सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक नेगी 1951 में चुनाव ड्यूटी पर थे, जब उन्होंने चीनी निर्वाचन क्षेत्र में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जिसे बाद में किन्नौर नाम दिया गया।
उस समय देश के अन्य स्थानों से पहले इस पर्वतीय राज्य के बफीर्ले इलाकों में मतदान हुआ था।
आदिवासी जिले किन्नौर के रहने वाले नेगी ने अपने घर पर डाक मतपत्र के माध्यम से 34वीं बार प्रदेश की 14वीं विधानसभा चुनाव के लिए मताधिकार का प्रयोग किया। उन्होंने पहली बार पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाला।
जुलाई 1917 में जन्मे नेगी ने लोकसभा चुनाव में 16 बार मतदान किया।
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