N1Live National भारत और जापान एआई, डिजिटल टेक्नोलॉजी और न्यूक्लियर के क्षेत्र में मिलकर करेंगे काम
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भारत और जापान एआई, डिजिटल टेक्नोलॉजी और न्यूक्लियर के क्षेत्र में मिलकर करेंगे काम

India and Japan will work together in the field of AI, digital technology and nuclear

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि टेक्नोलॉजी और इनोवेशन भारत और सिंगापुर के बीच साझेदारी के मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने एआई, क्वांटम और अन्य डिजिटल टेक्नीक में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए हैं। दिल्ली में दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपीआई और पे नाउ को डिजिटल कनेक्टिविटी का ‘सफल उदाहरण’ बताया। उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर ने आसियान के साथ द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते और मुक्त व्यापार समझौते की समयबद्ध तरीके से समीक्षा करने का निर्णय लिया है।

पीएम ने कहा, “प्रौद्योगिकी और नवाचार हमारी साझेदारी के मजबूत स्तंभ हैं। हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम और अन्य डिजिटल तकनीकों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। आज अंतरिक्ष क्षेत्र में हुआ समझौता अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग का एक नया अध्याय जोड़ रहा है। हमने अपने युवाओं को उनकी प्रतिभा से जोड़ने के लिए इस वर्ष के अंत में भारत-सिंगापुर हैकाथॉन का अगला राउंड आयोजित करने का निर्णय लिया है। यूपीआई और पे नाउ हमारी डिजिटल कनेक्टिविटी के सफल उदाहरण हैं और यह खुशी की बात है कि आज 13 नए भारतीय बैंक उनसे जुड़ गए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के नेता का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने कहा, “मैं पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री वोंग की पहली भारत यात्रा पर उनका हार्दिक स्वागत करता हूं। यह यात्रा इसलिए और भी खास है, क्योंकि इस वर्ष हम अपने संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 में अपनी सिंगापुर यात्रा को याद किया, जिसके तहत दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया था, और उन क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया जो दोनों देशों के बीच सहयोग का केंद्र बिंदु भी बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पिछले साल सिंगापुर की मेरी यात्रा के दौरान हमने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया। इस एक साल में हमारे संवाद और सहयोग में गति आई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज सिंगापुर दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत में सिंगापुर से बड़े पैमाने पर निवेश हुआ है। हमारे रक्षा संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। लोगों के बीच संबंध गहरे और जीवंत हैं। आज, हमने अपनी साझेदारी के भविष्य के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है। हमारा सहयोग केवल पारंपरिक क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहेगा। बदलते समय के साथ उन्नत विनिर्माण, ग्रीन शिपिंग कौशल विकास, परमाणु और शहरी जल प्रबंधन जैसे क्षेत्र भी हमारे सहयोग का केंद्र बिंदु बनेंगे।”

उन्होंने सिंगापुर को भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के अपने संयुक्त दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए आसियान के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच संबंध कूटनीति से आगे हैं। यह साझा मूल्यों पर आधारित एक उद्देश्यपूर्ण साझेदारी है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “हमने निर्णय लिया है कि द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते और आसियान के साथ हमारे मुक्त व्यापार समझौते की समयबद्ध समीक्षा की जाएगी, ताकि पारस्परिक व्यापार में तेजी आए।

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