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भारत ने कोच्चि में बीआईएमआरईएन की मेजबानी की, बंगाल की खाड़ी में ब्लू इकोनॉमी सहयोग पर दिया जोर

India hosts BIMREN in Kochi, emphasises Blue Economy cooperation in the Bay of Bengal

 

नई दिल्ली, भारत ने कोच्चि में बिम्सटेक-भारत समुद्री अनुसंधान नेटवर्क (बीआईएमआरईएन) के पहले द्विवार्षिक सम्मेलन की मेजबानी की। इससे बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में ब्लू इकोनॉमी सहयोग को मजबूती मिलेगी। भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी।

बीआईएमआरईएन सम्मेलन का आयोजन 4 से 6 नवंबर तक किया गया था। ये मरीन रिसर्च और ब्लू इकोनॉमी के पहलों में क्षेत्रीय सहयोग को आगे बढ़ाने में एक मील का पत्थर साबित हुआ। सम्मेलन में समुद्री चुनौतियों, इकोसिस्टम हेल्थ और रिसर्च के नए तरीकों की खोज पर केंद्रित था। सम्मेलन में युवा रिसर्चर के बीच वैज्ञानिक नेटवर्क का निर्माण, प्रभावी मरीन रिसोर्स मैनेजमेंट और नीतियों के विकास पर चर्चा शामिल रही।

विदेश मंत्रालय की पहल से बीआईएमआरईएन को 2024 में शुरू किया गया, जिसका उद्देश्य रिसर्च अनुदानों और पीएचडी फेलोशिप के माध्यम से संस्थागत सहयोग को सक्षम बनाना है। इससे भारत के प्रमुख रिसर्च सेंटरों को अन्य बीआईएमआरईएन से जुड़े अन्य देशों के साथ जोड़ा जा सकेगा।

विदेश मंत्रालय की ओर से इसे लेकर एक बयान जारी कर कहा गया, “2022 में कोलंबो बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने मरीन साइंस में ग्रुप रिसर्च को मजबूत करने के लिए बीआईएमआरईएन पहल की घोषणा की थी। यह पहल भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट,’ ‘एक्ट ईस्ट,’ ‘इंडो-पैसिफिक,’ और ‘महासागर’ रणनीतियों के तहत व्यापक क्षेत्रीय नीतिगत उद्देश्यों के अनुरूप है।”

मंत्रालय ने बताया कि यह सम्मेलन बीआईएमआरईएन के भागीदारों को एक साथ लेकर आया ताकि इसकी गतिविधियों के परिणामों पर चर्चा की जा सके। इसके तहत अब तक बिम्सटेक देशों के 25 संस्थानों और 50 से अधिक रिसर्चर्स को जोड़ा है।

बता दें, इससे पहले अप्रैल में, थाईलैंड में छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान, पीएम मोदी ने एक व्यापक 21-सूत्रीय कार्य योजना प्रस्तुत की थी। पीएम मोदी की इस कार्य योजना के तहत अलग-अलग क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत किया गया था।

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