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दित्वाह के दौरान श्रीलंका के साथ खड़े होने पर भारत को गर्व है: विदेश मंत्री जयशंकर

India is proud to stand with Sri Lanka during the crisis: External Affairs Minister Jaishankar

 

कोलंबो, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मिलेंगे। यह मुलाकात तूफान दित्वाह से श्रीलंका में तबाही मचने के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के बाद होगी।

एस जयशंकर ने तूफान दित्वाह से मची तबाही और ऑपरेशन सागर बंधु के तहत भारत की ओर से की जा रही मदद की एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया है।

वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा, “आज सुबह राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मिलने का इंतजार है। भारत को तूफान दित्वाह के दौरान श्रीलंका के साथ खड़े रहने और उसके दौरान उसके समर्थन पर गर्व है।”

राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिए विदेश मंत्री सोमवार को कोलंबो पहुंचे। वहां श्रीलंका के उप पर्यटन मंत्री रुवान रणसिंघे ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

ईएएम की इस यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था कि जयशंकर का श्रीलंका दौरा भारत की ‘पड़ोसी पहले’ की नीति को दिखाता है और तूफान दित्वाह से हुई तबाही से निपटने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन सागर बंधु के संदर्भ में हो रहा है।

भारत ने 28 नवंबर को ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया था, जो विनाशकारी तूफान दित्वाह के तुरंत बाद फर्स्ट रेस्पॉन्डर के तौर पर श्रीलंका को तुरंत मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) मदद देने के लिए था।

इससे पहले भारत ने बाढ़ से प्रभावित श्रीलंका के अलग-अलग इलाकों में राहत का सामान पहुंचाया। 18 दिसंबर को, श्रीलंका में भारत के हाई कमिश्नर, संतोष झा ने कोलंबो के कोलोन्नावा इलाके और वट्टाला में भक्तिवेदांत चिल्ड्रन्स होम ‘गोकुलम’ का दौरा किया। तूफान की चपेट में आने से इन इलाकों में भारी तबाही मची थी।

श्रीलंका की मदद के लिए हाई कमिश्नर ने ऑल सीलोन सूफी स्पिरिचुअल एसोसिएशन के साथ मिलकर कोलोन्नावा में परिवारों के बीच और कोलंबो के इस्कॉन मंदिर में ‘गोकुलम’ के बच्चों के बीच हेल्प किट बांटीं।

इससे पहले, 14 दिसंबर को, भारतीय वायु सेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान श्रीलंका पहुंचा। इसके जरिए 10 टन दवाइयां और 15 टन सूखा राशन श्रीलंका के लोगों के लिए पहुंचाया गया। इसके अलावा, भारतीय सेना ने जमीनी स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए काम किया और जो कम्युनिकेशन का संपर्क टूट चुका था, उसकी जल्द से जल्द बहाली करने में मदद की।

इसके अलावा, सड़कों और पुलों के जरिए जो आवाजाही बाधित हुई थी, उसे भी ठीक किया। श्रीलंका में भारतीय हाई कमीशन ने एक बयान में कहा, “जरूरी रोड कनेक्टिविटी को ठीक करने की कोशिशें लगातार आगे बढ़ रही हैं। चिलाव और किलिनोच्ची में ब्रिज साइट्स पर तैयारी चल रही है, खराब किलिनोच्ची ब्रिज पूरी तरह से साफ हो गया है और बेली ब्रिज लगाने के लिए तैयार है, जिससे इलाके में आना-जाना आसान हो जाएगा और पहुंच बेहतर हो जाएगी।”

 

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