September 10, 2025
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भारत–म्यांमार आर्मी टॉक्स, बॉर्डर डिफेंस पार्टनरशिप व सैन्य क्षमता निर्माण पर हुई बात

India-Myanmar Army Talks, Border Defense Partnership and Military Capacity Building Discussed

 

नई दिल्ली, भारत और म्यांमार के बीच सैन्य स्तर पर एक महत्वपूर्ण वार्ता हुई है। इस वार्ता के दौरान दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने बॉर्डर डिफेंस पार्टनरशिप व रक्षा सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की है। भारतीय सेना ने इस वार्ता की जानकारी देते हुए बताया कि यह एक आर्मी-टू-आर्मी स्टाफ टॉक्स थी जो नई दिल्ली में आयोजित की गई।

इस वार्ता में म्यांमार के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल को को ऊ ने किया। वार्ता के दौरान भारत और म्यांमार दोनों ने ही द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और अधिक सुदृढ़ करने की बात कही। इसके साथ ही सैन्य स्तर पर परस्पर संचालन क्षमता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की गई है। बैठक में यह भी तय किया गया कि भारत और म्यांमार अपनी सेनाओं के बीच व्यापक रक्षा साझेदारी को और अधिक मजबूती देंगे।

बैठक में इस बात पर बल दिया गया कि दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा संबंध क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। चर्चा में सेनाओं के संयुक्त प्रशिक्षण, सैन्य क्षमता निर्माण, मानवीय सहायता एवं आपदा राहत, सीमा प्रबंधन तथा अन्य परस्पर हित के विषयों पर भी विचार-विमर्श किया गया।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने म्यांमार सेना के साथ सहयोग को और आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि भारत–म्यांमार रक्षा संबंध विश्वास, पारदर्शिता और साझा हितों पर आधारित हैं।

गौरतलब है कि इसी वर्ष आतंकवाद के खिलाफ भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी, जिसमें म्यांमार भी शामिल हुआ था। इस दौरान विभिन्न देशों ने काउंटर टेररिज्म पर मंथन किया। यह‘आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस’ के एक्सपर्ट वर्किंग ग्रुप (ईडब्ल्यूजी) की 14वीं बैठक थी। काउंटर टेररिज्म पर हुई इस बैठक बैठक की सह-अध्यक्षता भारत ने की थी। बैठक में शामिल होने के लिए आसियान के 10 सदस्य देशों के डेलीगेशन भारत आए थे। इनमें म्यांमार ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम, सिंगापुर और थाईलैंड शामिल रहे।

वहीं, म्यांमार में भूकंप आने पर भारत ने अपनी दोस्ती का परिचय दिया था। भूकंप से प्रभावित म्यांमार की सहायता के लिए भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ चलाया था। भारतीय नौसेना ने तब महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारत की ओर से 405 टन चावल सहित 442 टन राहत सामग्री की एक खेप लेकर नौसेना का जहाज म्यांमार के शहर यांगून पहुंचा था। नौसेनिक जहाज ‘आईएनएस घड़ियाल’ 405 टन चावल सहित 442 टन राहत सामग्री के साथ 5 अप्रैल को यांगून पहुंचा था।

यह राहत सामग्री भारत के राजदूत अभय ठाकुर ने यांगून क्षेत्र के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपी थी। म्यांमार में प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए नौसेना ने कुल 512 टन से अधिक राहत सामग्री पंहुचाई थी। हिंद महासागर क्षेत्र में प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में, भारतीय नौसेना के जहाजों द्वारा बड़े पैमाने पर राहत सामग्री पहुंचाना, म्यांमार में प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना के दृढ़ संकल्प का प्रमाण रहा।

 

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