N1Live National भारत-कतर के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक 28 अरब डॉलर के आंकड़े को कर सकता है पार : पीयूष गोयल
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भारत-कतर के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2030 तक 28 अरब डॉलर के आंकड़े को कर सकता है पार : पीयूष गोयल

India-Qatar bilateral trade could cross $28 billion by 2030: Piyush Goyal

भारत और कतर इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, प्रोसेस्ड फूड, टेक्सटाइल, जेम और ज्वेलरी, आईटी और हाई-टेक इंडस्ट्रीज पर फोकस करके अपने द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 14 अरब डॉलर से दोगुना करके 2030 तक 28 अरब डॉलर कर सकते हैं। यह बयान वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की ओर से दिया गया।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी के साथ इकोनॉमिक एंड कमर्शियल कॉरपोरेशन पर कतर-भारत ज्वाइंट कमीशन की सह-अध्यक्षता की।

इस कार्यक्रम में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने, मौजूदा व्यापार बाधाओं और गैर-टैरिफ चुनौतियों का समाधान करने और प्रमुख क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए नए अवसरों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

दोनों पक्षों ने एक महत्वाकांक्षी भारत-कतर कंप्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट को आगे बढ़ाने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कतर के ऊर्जा निर्यात की सराहना की, जिसमें 2028 से प्रति वर्ष 7.5 मिलियन टन एलएनजी आपूर्ति का दीर्घकालिक समझौता भी शामिल है। गोयल ने कतर को भारत के निर्यात को बढ़ावा देने की आवश्यकता को जरूरी बताया।

इस पर केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’पर एक पोस्ट में कहा, “दोहा में भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ एक सार्थक बातचीत हुई। उन्हें हमारे आर्थिक संबंधों की पूरी क्षमता का दोहन करने और मेक इन इंडिया तथा स्टार्टअप इंडिया जैसी परिवर्तनकारी पहलों का लाभ उठाकर साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे दोनों देशों के बीच साझा समृद्धि को बढ़ावा मिले।”

दोनों पक्षों के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रियों की द्विपक्षीय बैठक भी हुई, जिसमें दोनों मंत्रियों ने समग्र व्यापार एवं आर्थिक संबंधों की समीक्षा की गई।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने पर्ल आइलैंड स्थित लुलु मॉल में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के लॉन्च इवेंट में भी भाग लिया, जो कतर के साथ भारत की डिजिटल साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह प्रवासी भारतीयों एवं स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए निर्बाध डिजिटल लेनदेन को सक्षम बनाएगा।

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