मणिमहेश यात्रा के दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जारी बचाव प्रयासों के तहत भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने शुक्रवार को अपने दो चिनूक हेलीकॉप्टरों से भरमौर में फंसे 524 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला।
दो भारी-भरकम परिवहन हेलीकॉप्टरों ने भरमौर से करियाँ हेलीपैड तक 12 उड़ानें भरीं और फंसे हुए तीर्थयात्रियों, जिनमें ज़्यादातर बुज़ुर्ग, बच्चे और बीमारी या अन्य कारणों से लंबी दूरी तक पैदल चलने में असमर्थ लोग शामिल थे, को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया। इसके अलावा, यात्रा के दौरान मारे गए तीन तीर्थयात्रियों के पार्थिव शरीर चंबा पहुँचाए गए।
उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने बताया कि करियाँ पहुँचने वाले तीर्थयात्रियों को हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसों में पठानकोट और कांगड़ा तक मुफ्त आगे की यात्रा की सुविधा प्रदान की गई। अकेले शुक्रवार को ही लगभग 1,000 तीर्थयात्रियों को 20 बसों में ले जाया गया।
उन्होंने कहा कि 29 अगस्त से सरकार ने 185 एचआरटीसी बसों के माध्यम से लगभग 8,000 श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क परिवहन की सुविधा प्रदान की है, जिससे उनकी अपने गंतव्य तक सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हुई है।
रेपसवाल ने कहा, “जब तक सभी फंसे हुए तीर्थयात्री सुरक्षित रूप से अपने घर नहीं पहुंच जाते, तब तक नि:शुल्क परिवहन सेवा जारी रहेगी।” उन्होंने निर्बाध निकासी और राहत कार्यों पर प्रशासन के फोकस पर प्रकाश डाला।
उल्लेखनीय है कि बुधवार और गुरुवार को निजी विमानन कम्पनियों के सहयोग से राज्य सरकार द्वारा तैनात हेलीकॉप्टरों के माध्यम से लगभग 120 तीर्थयात्रियों को भरमौर से हवाई मार्ग से निकाला गया।
सरकार ने यह कदम इस साल की तीर्थयात्रा के दौरान भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई अभूतपूर्व रुकावटों के बाद उठाया है। तीर्थयात्री रास्ते में कई जगहों पर फँस गए थे और ज़िला प्रशासन ने स्थानीय स्वयंसेवकों, गैर-सरकारी संगठनों और वायु सेना की मदद से पैदल रास्तों, सड़कों और हेलीकॉप्टरों के ज़रिए उन्हें बचाने के लिए अथक प्रयास किया।
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