N1Live National परमवीर चक्र विजेता निर्मलजीत सिंह सेखों की याद में ‘इंडियन एयर फोर्स मैराथन’ का आयोजन
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परमवीर चक्र विजेता निर्मलजीत सिंह सेखों की याद में ‘इंडियन एयर फोर्स मैराथन’ का आयोजन

Indian Air Force Marathon organised in memory of Param Vir Chakra winner Nirmaljit Singh Sekhon

‘टच द स्काई विद ग्लोरी’, भारतीय वायुसेना का यह जोशीला नारा केवल शब्द नहीं, बल्कि साहस, समर्पण और देशभक्ति की वह भावना है, जो हर भारतीय के हृदय में गूंजती है। इसी प्रेरणा को आगे बढ़ाते हुए भारतीय वायुसेना प्रस्तुत कर रही है ‘सेखों’ इंडियन एयर फोर्स मैराथन 2025।

यह मैराथन परमवीर चक्र विजेता फ्लाइट लेफ्टिनेंट निर्मलजीत सिंह सेखों को समर्पित है। निर्मलजीत सिंह सेखों वह परम वीर थे, जिन्होंने 1971 के युद्ध में अपने अकेले जेट से दुश्मन के छह विमानों का सामना किया और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।

साल 1971 में 14 दिसंबर के दिन पाकिस्तान के छह लड़ाकू विमानों ने भारत की श्रीनगर एयरफील्ड पर हमला किया था। उस समय ग्नैट पायलट के रूप में तैनात निर्मलजीत सिंह सेखों ने इस जबरदस्त हवाई हमले के बीच उड़ान भरी और दुश्मन से हवा में ही भिड़ गए। उन्होंने एक पाकिस्तानी सेबर जेट को मार गिराया। इसके बाद पाकिस्तान के दूसरे लड़ाकू विमान को भारी नुकसान पहुंचाया। आखिरी सांस तक निर्मलजीत सिंह अपने बेस की रक्षा करते रहे।

अब उनकी याद में हो रहा यह मैराथन केवल दौड़ नहीं, बल्कि देशभक्ति और अनुशासन की एक अनूठी व महत्वपूर्ण यात्रा है। 2 नवंबर को जब सूरज की पहली किरण नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से निकलेगी, तब हजारों कदम एक साथ आगे बढ़ेंगे। भारत के कोने-कोने से, अलग-अलग उम्र, भाषा और पृष्ठभूमि के लोग एक ही भावना के साथ दौड़ेंगे। यह दौड़ होगी देश के लिए और सेखों के नाम पर।

दिल्ली ही नहीं, देशभर के 60 शहरों में एक साथ यह आयोजन होगा। पहाड़ी इलाकों की ऊंचाइयों से लेकर समुद्री इलाकों के तटों तक, पूर्वोत्तर के मैदानों से लेकर पश्चिम के रेगिस्तानों तक, हर जगह देशवासी भारतीय वायुसेना के पराक्रम और शौर्य को सलाम करेंगे। इस मैराथन में युवाओं से लेकर वेटरन तक, हर प्रतिभागी के दिल में एक ही लक्ष्य होगा। यह लक्ष्य होगा, अपनी सीमाओं को भी पार करना।

यह आयोजन न केवल खेल और फिटनेस को बढ़ावा देगा, बल्कि हर भारतीय को यह याद दिलाएगा कि वीरता किसी पद या रैंक से नहीं, बल्कि दिल के हौसले से जन्म लेती है। सेखों मैराथन का हर कदम भारतीय वायुसेना के गौरव को नमन करेगा और यह संदेश देगा कि हम सब के भीतर उड़ान है, बस विश्वास चाहिए।

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