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किसी भी खतरे को मारने में सक्षम है भारतीय नौसेना : वाइस एडमिरल एएन प्रमोद

Indian Navy is capable of killing any threat: Vice Admiral AN Pramod

 

नई दिल्ली, डायरेक्टर जनरल ऑफ नेवल ऑपरेशन (डीजीएनओ) वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय नौसेना की सराहना की। उन्होंने कहा कि नौसेना का बेड़ा एक समग्र बल के रूप में काम करता है, जिसका निगरानी क्षेत्र लंबी दूरी तक होता है।

वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा, “भारतीय नौसेना एक समन्वित नेटवर्क बल के रूप में काम करती है, जो हवा, सतह और जल के नीचे से आने वाले खतरों को एक साथ मार करने में सक्षम है। यह उन्नत सेंसर और कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम के समन्वय से संभव होता है। नौसेना लगातार निगरानी, पहचान और व्यापक समुद्री क्षेत्र जागरूकता (हवाई क्षेत्र सहित) सुनिश्चित करती है।”

उन्होंने आगे कहा, “कई सेंसर और इनपुट का उपयोग करके हम उभरते खतरों को कम करने या निष्क्रिय करने के लिए निरंतर निगरानी बनाए रखते हैं, ताकि लंबी दूरी पर निशाना बनाया जा सके। यह सब एक व्यापक और प्रभावी लेयर्ड फ्लीट वायु डिफेंस सिस्टम के तहत किया जाता है, जो ड्रोन, तेज गति वाली मिसाइलों, लड़ाकू विमानों या निगरानी विमानों जैसे सभी खतरों से निपटता है। नौसेना का बेड़ा एक समग्र बल के रूप में काम करता है, जो लंबी दूरी पर निगरानी क्षेत्र बनाए रखता है।”

इससे पहले, एयर मार्शल एके भारती ने कहा, “कल हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकी ढांचे को नष्ट करने के लिए की गई सफल संयुक्त कार्रवाइयों के बारे में विस्तृत जानकारी दी थी। हमने दोहराया कि हमारी लड़ाई आतंकवादियों और उनके समर्थन ढांचे के खिलाफ है, न कि पाकिस्तानी सेना के खिलाफ। हालांकि, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों का समर्थन करने और हस्तक्षेप करने का फैसला किया, जिसके कारण हमें उचित जवाब देना पड़ा। उन्हें जो नुकसान हुआ है, उसके लिए पाकिस्तानी सेना जिम्मेदार है।”

डीजीएमओ, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर की एयर डिफेंस कार्रवाई को हमें एक संदर्भ में समझने की जरूरत है। पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों के कैरेक्टर में बदलाव आ रहा था, अब हमारी सेना के साथ-साथ निर्दोष लोगों पर भी हमला हो रहा था। 2024 में शिवखोड़ी मंदिर की ओर जाने वाले तीर्थयात्री और इस साल अप्रैल में पहलगाम में मासूम पर्यटक। पहलगाम तक उनका पाप का घड़ा भर चुका था, क्योंकि आतंकियों पर हमारे सटीक हमले एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर को पार किए बिना किए गए थे। हमें पूरा अंदेशा था कि पाकिस्तान का हमला भी सीमा पार से ही होगा, इसलिए हमने एयर डिफेंस की तैयारी की थी। जब 9-10 मई को पाकिस्तान की वायुसेना ने हमारे एयर फील्ड और लॉजिस्टिक इंस्टॉलेशन पर हमला किया, तो वे इस मजबूत एयर डिफेंस ग्रिड के सामने विफल हुए।”

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