September 15, 2025
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भूमध्य सागर में भारतीय नौसैना की उपस्थिति: भारतीय युद्धपोत पहुंचा ग्रीस

Indian Navy presence in the Mediterranean: Indian warship reaches Greece

 

नई दिल्ली, भारतीय नौसेना ने भूमध्य सागर में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। भारतीय नौसेना का स्टील्थ फ्रिगेट (युद्धपोत) आईएनएस त्रिकंद अपनी भूमध्य सागर तैनाती के तहत ग्रीस के समुद्री क्षेत्र सलामिस की खाड़ी (बे) पर पहुंचा है। नौसेना के मुताबिक इस यात्रा के दौरान भारत और ग्रीस के बीच पहली बार एक द्विपक्षीय समुद्री सैन्य अभ्यास आयोजित किया जाएगा।

इस द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं द्वारा युद्धक कौशल को परिष्कृत किया जाना है। यहां इस नौसेनिक अभ्यास में भारत और ग्रीस की नौसेना की अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही दोनों सेनाओं के बीच संचालनात्मक सामंजस्य प्रगाढ़ हो सकेगा। इस अभ्यास में बंदरगाह पर भी कई गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

सलामिस बे में पोर्ट कॉल के दौरान आईएनएस त्रिकंद कई महत्वपूर्ण गतिविधियों में भाग लेगा। यहां दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बातचीत होगी। नौसेना से जुड़ी योजना संबंधी चर्चाएं आयोजित की जा रही हैं। भारतीय युद्धपोत पर स्थानीय विशिष्ट व्यक्तियों की क्रॉस-डेक विजिट तय है। सांस्कृतिक आदान-प्रदान होंगे जिससे नौसेना के साथ-साथ जन-से-जन यानी सामान्य नागरिकों के साथ संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।

पोर्ट कॉल के बाद युद्धपोत त्रिकंद का समुद्री चरण आयोजित होगा, जिसमें दोनों नौसेनाएं संयुक्त रूप से विभिन्न समुद्री अभियानों का अभ्यास करेंगी। अभ्यास पूर्ण होने पर आईएनएस त्रिकंद क्षेत्र में अपनी तैनाती के अगले चरण की ओर रवाना होगा। इससे पहले भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस त्रिकंद मिस्र के अलेक्जेंड्रिया बंदरगाह पहुंचा था। इस भारतीय युद्धपोत ने मिस्र में आयोजित हुए बहुराष्ट्रीय संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा लिया।

इस अभ्यास में भारत, अमेरिका और मिस्र के अलावा सऊदी अरब, कतर, ग्रीस, साइप्रस और इटली की सेनाओं की भी भागीदारी रही। नौसेना के मुताबिक अपनी भूमध्य सागर में परिचालन तैनाती के दौरान ही यह युद्धपोत मिस्र के बंदरगाह में तैनात था। आईएनएस त्रिकंद ने यहां 10 सितम्बर तक आयोजित हुए बहुराष्ट्रीय संयुक्त सैन्य अभ्यास ब्राइट स्टार 2025 में सैन्य अभ्यास किया। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना के साथ भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना की टुकड़ियां भी शामिल थीं। इसके बाद अब यह युद्धपोत ग्रीस पहुंचा है।

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