पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ननकाना साहिब जिले में बुधवार को गुरु नानक की 556वीं जयंती समारोह में 2,000 से अधिक भारतीय तीर्थयात्रियों और हजारों स्थानीय एवं विदेशी सिखों ने भाग लिया। जन्मोत्सव मनाने के लिए सिखों की पवित्र पालकी साहिब की शोभायात्रा गुरुद्वारा जन्मस्थान से ननकाना साहिब स्थित गुरुद्वारा कियारा साहिब तक निकाली जाती है।
लाहौर से 89 किलोमीटर दूर ननकाना साहिब में आयोजित मुख्य समारोह में भारत से यहां पहुंचे 2,000 से अधिक सिखों और हजारों स्थानीय एवं विदेशी सिखों ने भाग लिया। ईटीपीबी के प्रवक्ता गुलाम मोहिउद्दीन ने बताया कि मंगलवार को करीब 2,100 सिख वाघा के रास्ते लाहौर पहुंचे।
समारोह को संबोधित करते हुए, धार्मिक मामलों के संघीय मंत्री सरदार मुहम्मद यूसुफ ने कहा कि सभी धर्म सम्मान के पात्र हैं और शांति का संदेश देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में आई बाढ़ के दौरान करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन उसे “24 घंटे के भीतर” बहाल कर दिया गया।
भारत से आए ज्ञानी कुलदीप गुरगज ने कहा, “हमें बाबा गुरु नानक की पवित्र धरती से बेहद लगाव है। सिख समुदाय हमें दिए गए सम्मान और आदर के लिए पाकिस्तान सरकार का आभारी है। यह हमारे गुरु की धरती है और यहाँ के पवित्र गुरुद्वारों की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। हमारा संदेश शांति और भाईचारा है। दोनों देशों के लोग शांति और एकता चाहते हैं।”
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की जत्था प्रमुख बीबी गुरदिंदर कौर ने कहा कि गुरु नानक देव महिलाओं के अधिकारों और सम्मान के पक्षधर थे। उन्होंने कहा, “महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है और हमें बहुत सम्मान मिला है।” दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जत्थे के नेता रविंदर सिंह सहवाता ने कहा, “भारत सरकार ने हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लिया और हमें पवित्र भूमि पर जाने का अवसर दिया गया।”

