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भारतीय रेलवे एआई का उपयोग कर बदल रहा यात्री सेवाओं का अनुभव

Indian Railways is transforming passenger service experience using AI

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर। भारतीय रेलवे की हेल्पलाइन 139 प्रतिदिन 3 लाख से ज्यादा कॉल हैंडल करती है। पिछले साल इसमें बड़ा बदलाव आया और इसे कॉल सेंटर आधारित सिस्टम से हटाकर और प्राइमरी तौर पर ऑटोमेटिक पर शिफ्ट कर दिया गया।

इसका फायदा यह हुआ है कि लोगों को ज्यादातर भारतीय भाषाओं में रेलवे से जुड़ी जानकारियां जैसे ट्रेन टाइमिंग, टिकट कंफर्मेशन और ट्रेन रूट से जुड़ी रियल-टाइम मिल रही है।

इससे पहले कॉल-सेंटर आधारित सिस्टम में लोगों को कॉल के दौरान जानकारी प्राप्त करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था।

रेलवे की ओर से आईवीआर सिस्टम में भी बड़ा बदलाव किया गया है। यात्री अब गंदे टॉयलेट-कोच, गायब बेडरोल और तत्काल मेडिकल जरूरतों के लिए शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

एआई आधारित इस शिकायत सिस्टम से काफी बदलाव आया है। इसकी मदद से यात्री वॉयस के जरिए भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत के समय उन्हें पीएनआर नंबर भी बताना होगा। इस शिकायत को रियल-टाइम में रेलवे स्टाफ को दी जाएगी और अगले स्टेशन पर आपकी समस्या का समाधान किया जाएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह जेन एआई द्वारा संचालित है और इसे बेंगलुरु की उबोना ने विकसित किया है। पहले 90 प्रतिशत कॉल हिंदी या अंग्रेजी में होती थी, लेकिन अब यह आंकड़ा 58 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

139 के अलावा भारतीय रेलवे की टिकट बुकिंग कंपनी आईआरसीटीसी द्वारा 14646 हेल्पलाइन को ऑटोमेट करने पर काम किया जा रहा है, यह आने वाले महीनों में लाइव हो सकती है।

एआई का इस्तेमाल रेलवे के साथ सभी सेक्टर्स में बढ़ता जा रहा है। इस कारण एआई स्टार्टअप की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

टेक उद्योग निकाय नैसकॉम की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 की पहली छमाही की तुलना में 2024 की पहली छमाही में जनरेटिव एआई स्टार्टअप की संख्या 260 प्रतिशत बढ़ी है। पिछले साल समान अवधि में केवल 66 जनरेटिव एआई स्टार्टअप थे।

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