नई दिल्ली, 30 जुलाई । राज्यसभा में बजट पर बोलते हुए नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि हम वर्ल्ड इकोनॉमी में 15 प्रतिशत का योगदान दे रहे हैं। भारत का ग्रोथ रेट 6.8 प्रतिशत है, जो अमेरिका, जर्मनी, जापान, इंग्लैंड, फ्रांस जैसे विकसित देशों से कहीं अधिक है। एक समय पर भारत में 92 प्रतिशत मोबाइल विदेश से आयात होते थे। आज स्थिति यह है कि 97 प्रतिशत मोबाइल भारत में बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि स्टील उत्पादन में हम विश्व में नंबर दो पर आ गए हैं। विश्व में हम तीसरी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल मार्केट बन गए हैं। इसका सीधा-सीधा मतलब यह है कि जेब में पैसा आया है, इसलिए खरीद बढ़ी है। उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की जानकारी देते हुए बताया कि पहले मेट्रो जहां देशभर के केवल पांच शहरों में थी, अब 20 शहरों में आ चुकी है। 2014 में देशभर में केवल 74 एयरपोर्ट्स थे, आज इनकी संख्या बढ़कर 149 हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि मैं स्वास्थ्य मंत्री पहले भी रह चुका हूं, आज भी हूं और आज मुझे यह बताते हुए गर्व होता है कि अब देशभर में 706 मेडिकल कॉलेज हैं। यहां अंडर ग्रेजुएट सीट 1.8 लाख से अधिक हो चुकी है। आईआईटी की संख्या 16 से 23 हो गई है। आईआईएम 20 हो गई हैं। देश में पहले हाईवे 12 किलोमीटर प्रतिदिन की गति से बनते थे, आज 28 किलोमीटर प्रतिदिन की गति से बन रहे हैं। पहले यह साधारण शब्दावली थी कि कितना कैश में दोगे, कितना चेक में दोगे। कितना ऊपर से दोगे, कितना नीचे से दोगे।
जेपी नड्डा ने कहा कि आज हमारी औपचारिक अर्थव्यवस्था बढ़ी है। जन धन योजना के तहत आज 50 करोड़ लोगों का बैंक खाता खुला है। टैक्स कलेक्शन वर्ष 2014 में 6.3 लाख करोड़ था, वह आज 23.37 लाख करोड़ पहुंच गया है। जीएसटी का कलेक्शन 20.18 लाख करोड़ पहुंचा है। वित्तीय घाटा 5.6 प्रतिशत पर है। इसका फायदा होता है, बिग टिकट प्रोग्राम। यह बिग टिकट प्रोग्राम होता है, लोगों को अधिक फायदा पहुंचाना।
उन्होंने आयुष्मान भारत को विश्व का सबसे बड़ा हेल्थ प्रोग्राम बताते हुए कहा कि इसके तहत लोगों को 5 लाख रुपए तक का सालाना हेल्थ कवर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा के ऊपर आ गए हैं। उज्ज्वला योजना के तहत 10 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए। करोड़ों लोगों को नए बिजली कनेक्शन दिए गए। हम लोगों ने पहली कैबिनेट मीटिंग में फैसला लिया है कि 3 करोड़ घर बनाए जाएंगे। सिर्फ, ‘जल जीवन मिशन’ से ही लगभग दो करोड़ नौकरियां पैदा होंगी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में 3.24 लाख करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। 2,000 हजार रुपए की 17 इंस्टॉलमेंट में किसानों को राशि दी गई है। हर तीन महीने में इस योजना के तहत किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं।