लोकसभा में सोमवार को भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की स्पेस स्टेशन यात्रा और उसके बाद की वापसी पर विशेष चर्चा होनी थी। केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने चर्चा शुरू भी की। इसके बावजूद विपक्ष के हंगामे के कारण चर्चा नहीं हो सकी और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जिस तरह से विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और सदन को चलने नहीं दिया, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह चर्चा ‘भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और विकसित भारत 2047 में इसकी भूमिका’ विषय पर थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ”यह चर्चा राष्ट्रीय उपलब्धि और देश के सम्मान, स्वाभिमान और भविष्य की वैज्ञानिक और राष्ट्रीय सुरक्षा की संभावनाओं से जुड़ी हुई है। इसमें जिस प्रकार से विपक्ष ने बाधा डाली, उनका व्यवहार आज बेहद निराशाजनक रहा है।”
लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच इस विषय पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जब देश अंतरिक्ष की उपलब्धियों का उत्सव मना रहा है तो विपक्ष अंतरिक्ष से जुड़ी उपलब्धियों के लिए देश के वैज्ञानिकों को बधाई देने के लिए भी तैयार नहीं है।
उन्होंने शुभांशु शुक्ला का जिक्र करते हुए कहा कि वे केवल एक अंतरिक्ष वैज्ञानिक नहीं हैं, बल्कि एक अनुशासित सिपाही भी हैं। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि आप धरती से भी नाराज हैं, आप आकाश से भी नाराज हैं और आज आप अंतरिक्ष से भी नाराज दिखते हैं। आज दुनिया ने भारत की क्षमताओं के सामने सिर झुकाया है। शुभांशु शुक्ला अपने इस मिशन के बाद वापस राजधानी दिल्ली लौटे हैं।
उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भी अंतरिक्ष विभाग और स्पेस टेक्नोलॉजी की जो भूमिका रही है, उस भूमिका को निभाने के लिए जो टेक्नोलॉजी थी, वह भी मोदी सरकार के बीते 10 वर्षों में आई है।
जितेंद्र सिंह के बोलने के बाद जब इस विषय पर चर्चा का अवसर आया तो हंगामा और बढ़ गया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ”आज लोकसभा में भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन और इसरो मिशन के पायलट शुभांशु शुक्ला की अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन यात्रा और उसके बाद की वापसी पर विशेष चर्चा के दौरान जिस तरह से विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और सदन को चलने नहीं दिया, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अंतरिक्ष में विकास की जिन नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा है, वह अभूतपूर्व है। विपक्ष चर्चा में भाग लेकर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की रचनात्मक समीक्षा, आलोचना और सुझाव दे सकता था। अंतरिक्ष जैसे विषय जो भारत की वैज्ञानिक और सामरिक दृष्टि से 21वीं सदी के भविष्य में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, कम से कम उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर रखना चाहिए।