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सीएसआईओ, चंडीगढ़ में सतत ऊर्जा पर इंडो-जर्मन कार्यशाला

चंडीगढ़, 22 फरवरी

यहां केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) में ‘सतत ऊर्जा और गतिशीलता प्रणालियों के लिए कम्प्यूटेशनल इंटेलिजेंस’ पर तीन दिवसीय इंडो-जर्मन कार्यशाला आयोजित की जा रही है। आयोजन का उद्देश्य टिकाऊ ऊर्जा और गतिशीलता प्रणालियों में कम्प्यूटेशनल खुफिया तकनीकों के अनुप्रयोग की खोज के लिए एक सहयोगी मंच स्थापित करना है।

अपने उद्घाटन भाषण में, सीएसआईओ के निदेशक प्रोफेसर शांतनु भट्टाचार्य ने टिकाऊ ऊर्जा और गतिशीलता क्षेत्रों के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला और निरंतर इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) मांग की आवश्यकता को स्वीकार किया। उन्होंने गतिशीलता को स्वच्छ, सुविधाजनक और भीड़-भाड़ मुक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना-2020 और नीति आयोग के ‘3-सी फ्रेमवर्क’ जैसी पहलों के माध्यम से ऊर्जा आत्मनिर्भरता और गतिशीलता क्षेत्र के परिवर्तन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर भी प्रकाश डाला।

सीएसआईओ के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सतीश कुमार और वुर्जबर्ग विश्वविद्यालय के डॉ. मार्को प्रुकनर द्वारा समन्वित कार्यशाला में ज्ञान साझा करने, सहयोग को बढ़ावा देने और नवाचार को आगे बढ़ाने की सुविधा के लिए भारत और जर्मनी के शोधकर्ताओं, चिकित्सकों और उद्योग विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया है। स्थायी ऊर्जा और गतिशीलता के क्षेत्र।

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