चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने उन औद्योगिक इकाइयों को मूल्य वर्धित कर (वैट) में 50 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया है जो उनकी ऊर्जा की आवश्यकता को पूरा करने के लिए उनके डीजल से चलने वाले जनरेटर को प्राकृतिक गैस से चलने वाले उपकरणों से बदल देंगे।
यह योजना एमएसएमई सहित सभी उद्योगों पर लागू होगी और इसकी अधिसूचना की तारीख से 2 साल के लिए प्रभावी होगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में आज यहां हुई स्थायी वित्त समिति की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया।
विशेष रूप से, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल से चलने वाले जनरेटर के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब जो उद्योग सीएनजी और पीएनजी के इस्तेमाल से अपनी ऊर्जा की जरूरत पूरी करेंगे, उन्हें वैट में 50 फीसदी की छूट मिलेगी।
समिति ने हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति-2022 के तहत विभिन्न मदों के तहत इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को प्रति वर्ष 164.66 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने को भी मंजूरी दी।
सीएम को बताया गया कि ईवी नीति का उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना, कार्बन फुटप्रिंट को कम करना, हरियाणा को ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना, क्षेत्र में कौशल विकास सुनिश्चित करना, ईवी वाहनों को बढ़ावा देना, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना और ईवी टेक्नोलॉजी में आरएंडडी को प्रोत्साहित करना है।
नीति ईवी निर्माताओं को निश्चित पूंजी निवेश, शुद्ध एसजीएसटी, स्टांप शुल्क और रोजगार सृजन आदि पर प्रोत्साहन देकर विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है।
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