February 22, 2025
Himachal

उद्योगपतियों को केंद्र सरकार से पूंजी सब्सिडी का इंतजार

Industrialists are waiting for capital subsidy from the central government

हिमाचल प्रदेश में कई उद्योगपति और होटल मालिक, जिन्होंने 2021 के बाद केंद्र सरकार की एक योजना के तहत कैपिटल सब्सिडी के लिए आवेदन किया था, मुश्किल में फंस गए हैं। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने 2021 के बाद राज्य के उद्योगों और होटलों को कैपिटल सब्सिडी जारी नहीं की है। प्रभावित उद्योगपतियों का आरोप है कि उन्होंने केंद्र सरकार से मिलने वाली सब्सिडी को ध्यान में रखकर ही अपने प्रोजेक्ट बनाए थे।

सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में हिमाचल की औद्योगिक इकाइयों के लिए एक योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत उद्योगपतियों को नई इकाइयां लगाने पर अधिकतम 5 करोड़ रुपये या उनके पूंजीगत व्यय का 30 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी के लिए पात्र माना गया था। यह योजना मार्च 2022 तक चलनी थी। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने मार्च 2021 में इस योजना के लिए विंडो बंद कर दी, लेकिन राज्य उद्योग विभाग के अधिकारियों ने मार्च 2022 तक योजना के तहत आवेदन स्वीकार किए और उन्हें अपने स्तर पर संसाधित किया। हालांकि, केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने उन आवेदकों के दावों को स्वीकार नहीं किया, जिन्होंने मार्च 2021 के बाद आवेदन किया था।

ऊना इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के महासचिव सीएस कपूर ने द ट्रिब्यून से बात करते हुए बताया कि मार्च 2021 से मार्च 2022 तक केंद्रीय योजना के तहत करीब 1500 लोगों ने पूंजीगत सब्सिडी के लिए आवेदन किया था। अकेले ऊना जिले में इस अवधि के दौरान 102 इकाइयों ने पूंजीगत सब्सिडी के लिए आवेदन किया था। उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य सरकार ने सभी 1500 इकाइयों के दावों पर कार्रवाई कर दी है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक पूंजीगत सब्सिडी जारी नहीं की है।

कपूर ने कहा कि इस योजना के तहत आवेदन करने वाली सभी औद्योगिक इकाइयों ने यह मानकर अपनी परियोजनाएं बनाई थीं कि उन्हें केंद्र सरकार से पूंजीगत सब्सिडी मिलेगी। उन्होंने कहा कि अब जबकि सब्सिडी जारी नहीं की गई है, कई औद्योगिक इकाइयों के पास गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) जमा हो गई हैं।

कपूर ने बताया कि हाल ही में हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर के साथ राज्य के प्रभावित उद्योगपतियों ने नई दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी। मंत्री ने कहा कि इस योजना को समय से पहले ही बंद कर दिया गया है, क्योंकि इसके लिए मार्च 2021 तक का बजट समाप्त हो चुका है।

सूत्रों ने बताया कि कुछ औद्योगिक इकाइयों के मालिकों ने सब्सिडी का दावा करने के लिए अदालत का रुख किया है। इस बीच, उद्योग निदेशक यूनुस खान ने कहा कि पूंजी सब्सिडी के लिए तय ढांचे के भीतर आवेदन करने वाले उद्योगपतियों के मामले केंद्र सरकार को भेज दिए गए हैं। उन्हें पूंजी सब्सिडी का भुगतान न किए जाने का मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जा रहा है।

1,500 इकाइयों के लिए इंतजार जारी उद्योगपति अधिकतम 5 करोड़ रुपये या अपने पूंजीगत व्यय का 30 प्रतिशत तक पूंजी सब्सिडी के लिए पात्र थे। प्रभावित उद्योगपतियों का आरोप है कि उन्होंने अपनी परियोजनाओं की योजना इस बात को ध्यान में रखकर बनाई थी कि उन्हें केंद्र सरकार से पूंजीगत सब्सिडी मिलेगी।

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