June 21, 2025
National

इस वर्ष मई में भारत के कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए महंगाई में आई कमी

Inflation for India’s agricultural and rural workers declined in May this year

श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कृषि श्रमिकों (सीपीआई-एएल) और ग्रामीण श्रमिकों (सीपीआई-आरएल) के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति दर सालाना आधार पर इस साल मई में घटकर क्रमशः 2.84 प्रतिशत और 2.97 प्रतिशत रह गई, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह क्रमशः 7 प्रतिशत और 7.02 प्रतिशत दर्ज की गई थी।

मासिक आधार पर भी मुद्रास्फीति दर में कमी दर्ज की गई है। इससे पहले अप्रैल में सीपीआई-एएल के लिए मुद्रास्फीति दर 3.48 प्रतिशत और सीपीआई-आरएल के लिए मुद्रास्फीति दर 3.53 प्रतिशत थी।

पिछले सात महीनों में कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए मुद्रास्फीति दर में लगातार गिरावट आ रही है। यह उन कमजोर वर्गों के लिए राहत की बात है, जो बढ़ती कीमतों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इससे उनके हाथ में अधिक पैसे बचते हैं, जिससे वे अधिक सामान खरीद पाते हैं और उनकी जीवनशैली बेहतर होती है।

कृषि और ग्रामीण श्रमिकों के लिए मुद्रास्फीति में गिरावट देश की समग्र उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति में पिछले वर्ष मई की तुलना में इस वर्ष मई में 2.82 प्रतिशत की गिरावट की पृष्ठभूमि में आई है।

सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, यह फरवरी 2019 के बाद से खुदरा मुद्रास्फीति का सबसे निचला स्तर है।

मई के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 0.99 प्रतिशत रह गई, जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम है। यह लगातार सातवां महीना है, जब खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट दर्ज की गई है, क्योंकि कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है।

महीने के दौरान मुद्रास्फीति में तेज गिरावट मुख्य रूप से दालों, सब्जियों, फलों, अनाज, घरेलू सामान और सेवाओं, चीनी और अंडों की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण हुई है।

महीने के दौरान कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी आने के साथ ईंधन की कीमतों में नरमी के कारण भी मुद्रास्फीति में कमी आई है।

रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने इस महीने की शुरुआत में मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि आरबीआई ने 2025-26 के लिए अपने मुद्रास्फीति के पूर्वानुमान को 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया है।

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति अब 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसमें महंगाई पहली तिमाही में 2.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.9 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत रहेगी।

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