कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (केयू) के वाणिज्य विभाग द्वारा आयोजित “रीइमेजिनिंग बिजनेस: इनोवेट, इन्क्लूड एंड थ्राइव” विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन बुधवार को यहां शुरू हुआ।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए केयू के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने आज की दुनिया में अस्तित्व और विकास के लिए प्रेरक शक्तियों के रूप में वैश्विक अंतर्संबंध, नैतिक शासन और नवाचार के महत्व पर जोर दिया।
भारतीय मुद्रित परिपथ संघ के अध्यक्ष रजनीश गर्ग ने इस बात पर जोर दिया कि प्रगति के लिए बाजारों का परिशोधन और नवीनीकरण आवश्यक है, तथा उन्होंने कहा कि नवाचार जिज्ञासा और साहस की संस्कृति से उत्पन्न होता है।
मुख्य वक्ता प्रो. मंजीत सिंह ने रिवर्स वैश्वीकरण की आवश्यकता और महत्व पर प्रकाश डाला और स्वदेशी, आत्मनिर्भर भारत और स्वावलंबन जैसी अवधारणाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि, गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय कौशिक ने कहा कि नवाचार को उत्पन्न और पोषित किया जाना चाहिए।
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