बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में एक दारोगा को पैरवी करने के लिए पुलिस अधीक्षक के कार्यालय जाना भारी पड़ गया। दारोगा स्वयं एक मामले में आरोपी था और उसी की पैरवी करने वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय गया था, जहां तत्काल उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार दारोगा निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में कार्यरत है।
दरअसल, यह पूरा मामला दो साल पुराना है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में पदस्थापित दारोगा राम बहादुर प्रसाद कुशवाहा पूर्वी चंपारण जिले के पिपरा थाना के एक मामले में आरोपी है। इस मामले को लेकर अदालत ने परमानेंट वारंट का आदेश जारी किया था।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि दारोगा राम बहादुर सोमवार को कुछ अन्य लोगों के साथ अपनी पैरवी करने पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात के कार्यालय पहुंचा। इस मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक को भी थी। पुलिस अधीक्षक ने तत्काल थाना पुलिस बुलाई और दारोगा को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार दारोगा पिपरा थाना क्षेत्र के बैरिया का रहने वाला है। पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) के पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने आईएएनएस को बताया, “अदालत द्वारा सब इंस्पेक्टर राम बहादुर कुशवाहा, जो अभी निगरानी विभाग में कार्यरत है, के खिलाफ परमानेंट वारंट जारी किया गया था। इसकी सूचना पुलिस को भी मिली थी। इसी आदेश के अनुपालन में सब इंस्पेक्टर राम बहादुर कुशवाहा को गिरफ्तार किया गया है और अदालत में अग्रसारित किया गया है।”
उन्होंने बताया कि यह मामला करीब दो वर्ष पुराना है, जिसमें रंगदारी और मारपीट का आरोप लगाया गया था। अदालत में इस मामले को लेकर वाद दायर किया गया था और उसी के क्रम में परमानेंट वारंट जारी किया गया था, जिस पर पुलिस ने यह कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है, चाहे कोई कितना बड़ा हो।
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