June 9, 2025
National

पिछले 11 वर्षों में कृषि के लिए संस्थागत ऋण 7.3 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 27.5 लाख करोड़ रुपए हुआ

Institutional credit for agriculture increased from Rs 7.3 lakh crore to Rs 27.5 lakh crore in the last 11 years

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के तहत पिछले 11 वर्षों में कृषि के लिए संस्थागत ऋण 7.3 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 27.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यह जानकारी शनिवार को वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई।

मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “पीएम नरेंद्र मोदी ने सुनिश्चित किया कि अन्नदाता को समय पर वित्तीय सहायता मिले और इसके लिए उसे इंतजार न करना पड़े। इसी के साथ, कृषि के लिए संस्थागत ऋण लगभग चौगुना हो गया है, जो कि 2013-14 में 7.3 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 27.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है।

केंद्र सरकार के अनुसार, “2014 से पीएम मोदी के नेतृत्व में, हमारे अन्नदाताओं को सम्मान, इनकम सपोर्ट, एमएसपी आश्वासन, एग्री-इंफ्रा और वैश्विक बाजार तक पहुंच मिली है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, किसानों की आय बढ़ाना, खेतों की लागत कम करना, बीज से लेकर बाजार तक किसानों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाना, हमारी सरकार की प्राथमिकता है।

कृषि और किसान कल्याण विभाग के बजट अनुमानों में 11 वर्षों में शानदार वृद्धि दर्ज की गई है, जो कि 2013-2014 में 27,663 करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 1,37,664.35 करोड़ रुपए हो गया है।

बजट आवंटन में इस वृद्धि ने देश के कृषि क्षेत्र को बदलने, इंफ्रास्ट्रक्चर में अधिक निवेश, खेती के आधुनिक तरीकों, सहायता योजनाओं के विस्तार और किसानों के लिए आय सुरक्षा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।

बीते वर्षों में भारत के खाद्यान उत्पादन में भी शानदार वृद्धि दर्ज की गई है। देश का खाद्यान उत्पादन 2014-15 में 265.05 मिलियन टन से बढ़कर 2024-25 में अनुमानित 347.44 मिलियन टन हो गया है, जो कृषि उत्पादन में मजबूत वृद्धि को दर्शाता है।

केंद्र सरकार के अनुसार, गेहूं के लिए एमएसपी 2013-14 में 1400 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 2024-25 में 2,425 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है, जो कि 73 प्रतिशत की शानदार वृद्धि को दर्शाती है। केंद्र सरकार का कहना है कि इससे गेहूं उत्पादकों को बेहतर रिटर्न सुनिश्चित हुआ।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार, 2014-2024 के दौरान गेहूं के एमएसपी भुगतान के रूप में कुल 6.04 लाख करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं।

Leave feedback about this

  • Service