करनाल, 10 जुलाई करनाल पुलिस ने जांच अधिकारी सब-इंस्पेक्टर (एसआई) देवेंद्र कुमार के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की है, क्योंकि अदालत ने पाया कि उन्होंने चार ट्रांसफार्मर चोरी के मामलों में एक व्यक्ति को कथित रूप से फंसाया था।
घरौंडा डीएसपी मनोज कुमार अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. सुशील कुमार गर्ग द्वारा आदेशित जांच करेंगे। बाद में गृह सचिव, हरियाणा डीजीपी और करनाल एसपी को देवेंद्र या इंदल नामक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में शामिल किसी अन्य दोषी अधिकारी के खिलाफ जांच करने का निर्देश दिया गया था। बाद में इंदल को इन मामलों में बरी कर दिया गया। अदालत ने मामले में एक “दोषपूर्ण” जांच देखी थी, जिसके बाद इंदल को गलत तरीके से दो साल की कैद की सजा सुनाई गई थी।
करनाल कोर्ट के लोक अभियोजक सितेंद्र कुमार ने बताया कि सब-इंस्पेक्टर ने 2 मार्च, 11 मार्च, 27 मार्च और 12 अप्रैल 2022 को तरौरी थाने में बिजली अधिनियम की धारा 136 के तहत ट्रांसफार्मर चोरी करने का आरोप लगाया था।
हालांकि, इंदल को 27 जनवरी 2012 को कुंडली थाने में आईपीसी की धारा 395 और 412 के तहत दर्ज एक अन्य मामले में 18 अप्रैल 2019 से 15 अप्रैल 2022 तक सोनीपत में पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। 15 अप्रैल 2022 को उन्हें बरी कर दिया गया।
अदालत ने इन चार एफआईआर में अन्य चार आरोपियों – करण, शिवम, शिव कुमार और मनोज – पर फैसला सुनाते हुए इन तथ्यों को देखा, जिसमें इंदल को भी आरोपियों में से एक के रूप में नामित किया गया था, लेकिन उसे दोषी नहीं पाया गया। करण, शिवम, शिव कुमार और मनोज को दोषी पाया गया और उन्हें दोषी ठहराया गया।
अदालत ने पाया कि इंदल को 2 मार्च, 2024 को करनाल डीएसपी (महिला सुरक्षा) के आवेदन पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार की अदालत ने बरी कर दिया था। सरकारी वकील सितेंदर ने कहा, “अदालत ने पाया कि चोरी की घटनाएं तब हुईं जब इंदल सोनीपत जेल में बंद था। इन विवरणों की समीक्षा के बाद अदालत ने जांच के निर्देश दिए।”
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