December 25, 2024
National

जीआई उत्पादों से पलायन रोकने के लिए निवेश की जरूरत : बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डीआर सिंह

Investment needed to stop migration from GI products: Dr. DR Singh, Vice Chancellor of Bihar Agricultural University

भागलपुर, 24 दिसंबर। बिहार के कृषि क्षेत्र में हालिया इन्वेस्टर्स मीट ने राज्य के कृषि उत्पादों को लेकर बड़ी उम्मीदें जगा दी हैं। पटना में आयोजित इस मीट में 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये के निवेश की बात सामने आई, जो बिहार में कृषि आधारित उद्योगों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

इस संदर्भ में बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ. डी आर सिंह ने आईएएनएस से बातचीत की। उन्होंने कहा कि यह समय बिहार के लिए अनुकूल है। बिहार एक एग्रो-प्रोडक्टिव राज्य है, जहां कई प्रकार की फसलों का उत्पादन होता है, जिनमें से कई को जीआई टैग भी प्राप्त है। इनमें प्रमुख रूप से जर्दालु आम, कतरनी धान, मगही पान, मखाना और शाही लीची शामिल हैं। इन जीआई टैग वाले उत्पादों से जुड़ी फूड प्रोसेसिंग इकाइयां बिहार में लगाई जाएं तो न केवल राज्य के कृषि क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि पलायन को भी रोका जा सकता है।

डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार के जीआई टैग वाले उत्पादों में शामिल इन विशेष कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग के लिए उद्योग लगाने वाली कंपनियों को अब राज्य में निवेश की आवश्यकता है। इस तरह के उद्योग स्थापित होने से न सिर्फ उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी बेहतर पहचान मिल सकेगी। मिथिला मखाना की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में इस मखाने में एक प्राकृतिक औषधीय यौगिक की पहचान की गई है, जिससे इसके बाजार में और अधिक बढ़ोतरी हो सकती है। इस यौगिक के प्राकृतिक रूप में उपलब्ध होने से मखाना की मार्केटिंग में भी काफी वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप इसके उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

शाही लीची और कतरनी धान जैसे अन्य कृषि उत्पादों का भी जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इनकी पैकेजिंग और प्रोसेसिंग के लिए उद्योगों की जरूरत है। कतरनी धान को लेकर उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा उत्पाद है, जिसे डायबिटीज के रोगियों के लिए उपयुक्त माना जाता है और इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। उन्होंने बिहार सरकार से आग्रह किया कि वह इन सभी जीआई उत्पादों की पैकेजिंग और प्रोसेसिंग के लिए उद्योगों को राज्य में आकर्षित करने पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि अगर यह उद्योग बिहार में लगते हैं, तो राज्य में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और पलायन की समस्या को भी काफी हद तक हल किया जा सकेगा।

उन्होंने विश्वास जताया कि चिराग पासवान इन क्षेत्रों और राज्य के कृषि उत्पादों पर विशेष ध्यान देंगे । बिहार के लिए यह एक बहुत बड़ा अवसर है, राज्य सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इन उत्पादों के जरिए राज्य के विकास की दिशा में कई सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं। यह निवेश बिहार के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।

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