आईआरसीटीसी स्कैम से जुड़े मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सोमवार को बड़ी कार्यवाही हुई। इस दौरान कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप तय कर दिए।
यह सुनवाई स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने की अदालत में हुई, जिसमें लालू परिवार सहित सभी आरोपी व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहे। कोर्ट ने कहा कि मामले में करप्शन की साजिश रची गई थी और आरोपियों को इससे प्रत्यक्ष लाभ मिला।
कोर्ट ने माना कि लालू यादव की जानकारी में ही यह साजिश रची गई और उनके परिवार को सीधे तौर पर आर्थिक लाभ पहुंचाया गया। अदालत ने कहा कि राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को बेहद कम कीमत पर जमीन दी गई, जो कि आईआरसीटीसी के ठेके देने के बदले में दी गई रिश्वत के रूप में देखा जा सकता है।
जज ने कहा कि सीबीआई ने सबूतों की पूरी चेन पेश की है और अदालत को यह स्पष्ट रूप से दिखता है कि सभी आरोपी एक व्यापक साजिश का हिस्सा थे। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपियों की दलीलें कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाईं।
कोर्ट ने आईपीसी 420 (धोखाधड़ी), आईपीसी 120बी (आपराधिक साजिश), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) और धारा 13(1)(डी) (सरकारी पद का दुरुपयोग करके अनुचित लाभ प्राप्त करने) के तहत ये आरोप तय किए हैं। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर 120बी और 420 आईपीसी के तहत ट्रायल चलेगा।
आरोप तय होने के बाद लालू प्रसाद यादव ने अदालत में कहा, “हम आरोपों को स्वीकार नहीं करते, मुकदमे का सामना करेंगे।” तेजस्वी यादव ने भी यही कहा, “हम आरोपों से इनकार करते हैं और कानूनी रूप से मुकदमे का सामना करेंगे।”
गौरतलब है कि यह मामला उस समय का है जब लालू यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। आरोप है कि रेलवे के खानपान से जुड़े ठेके आईआरसीटीसी के तहत कुछ निजी कंपनियों को दिए गए थे और इसके बदले में लालू परिवार को जमीनों के रूप में फायदा पहुंचाया गया।
सीबीआई ने इस केस में विस्तृत चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें लालू परिवार समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। अगली सुनवाई की तारीख जल्द ही निर्धारित की जाएगी और अब इस मामले में ट्रायल की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।