नई दिल्ली, 21 जून यूजीसी-नेट की परीक्षा रद्द होने के साथ ही देश भर के छात्रों में संदेह, भ्रम एवं निराशा फैल गई है। इस वर्ष पीएचडी के प्रवेश भी यूजीसी-नेट के स्कोर के आधार पर होने हैं। इसके चलते अभ्यर्थियों में अचानक असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
इस संबंध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शिक्षा मंत्रालय से तत्काल फैसला लेकर स्थिति को स्पष्ट करने की मांग की है, ताकि छात्रों का समय एवं भविष्य संकट में न आने पाए।
एबीवीपी ने कहा, एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में भारी अनियमितताएं देखने को मिल रही हैं। नीट-यूजी की परीक्षा में अनियमितता के बाद अब यूजीसी-नेट की परीक्षा का रद्द होना एनटीए के ऊपर बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाला विषय है। ज्ञात हो कि इस वर्ष विश्वविद्यालयों में पीएचडी हेतु प्रवेश भी यूजीसी–नेट स्कोर के माध्यम से होने थे। परीक्षा रद्द होने से पीएचडी प्रवेश के अभ्यर्थियों के मन में भी गहरी शंकाएं उत्पन्न हो गई हैं।
एबीवीपी ने शिक्षा मंत्रालय से मांग करते हुए कहा है कि संबंधित एजेंसियों को स्थिति शीघ्र स्पष्ट करनी चाहिए जिससे पीएचडी के अभ्यर्थियों का भी किसी प्रकार से नुकसान न होने पाए, तथा परीक्षा पूर्णतया निष्पक्ष एवं पारदर्शी हो, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि परीक्षाओं में लगातार अनियमितताओं की घटनाएं विचलित करने वाली हैं, दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इस तरह की घटनाएं न केवल एनटीए जैसी परीक्षा एजेंसियों की क्रेडिबिलिटी पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती हैं, बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी करती हैं। यह किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है। यूजीसी नेट की परीक्षा का रद्द होने से पीएचडी प्रवेश की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों का भविष्य भी अधर में लटक गया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय एवं संबंधित एजेंसी इस संबंध में स्थिति को स्पष्ट करे ताकि छात्रों के मन में अपने भविष्य को लेकर व्याप्त शंकाएं दूर हो सके। इसके अलावा इस प्रकार की अनियमितताओं की सीबीआई जांच हो और दोषियों को कठोर से कठोर दंड मिले।
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