कोलकाता, 10 दिसंबर। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा के बीच सोमवार को वहां की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की। उन्होंने बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन और विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन के साथ भी बैठकें की। अपनी यात्रा के दौरान विदेश सचिव ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ चरमपंथी बयानबाजी और हिंसा की घटनाओं को लेकर पड़ोसी देश के साथ नई दिल्ली की चिंताएं साझा की। इस पर इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने केंद्र सरकार को शुक्रिया कहा है।
राधारमण दास ने एक वीडियो जारी कर कहा, “भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री का आज का बांग्लादेश दौरा बहुत महत्वपूर्ण था। साथ ही बैठक के बाद उन्होंने जो प्रेस को संबोधन किया, उसका हम स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश सरकार जल्द से जल्द शांति स्थापित करेगी और जो उग्रवादी लोग हिंदुओं और इस्कॉन के भक्तों के खिलाफ घृणित बयान दे रहे हैं, जैसे कि “तलवार उठाने का समय आ गया है” और “हिंदुओं को समाप्त करने का समय आ गया है”, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। हम भारत सरकार का दिल से धन्यवाद करते हैं।”
विदेश मंत्रालय ने इस बैठक के बाद कहा कि विदेश सचिव मिस्री ने एक लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और समावेशी बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन पर प्रकाश डाला। उन्होंने आपसी विश्वास, सम्मान तथा एक-दूसरे की चिंताओं और हितों के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर बांग्लादेश के साथ रचनात्मक संबंध बनाने की नई दिल्ली की इच्छा को दोहराया।
मिस्री की यात्रा के बाद विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “विदेश सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि भारत-बांग्लादेश संबंधों में लोग मुख्य हितधारक हैं। उन्होंने कहा कि भारत का बांग्लादेश के साथ बहुआयामी संबंध, जिसमें संपर्क, व्यापार, बिजली, ऊर्जा और क्षमता निर्माण के क्षेत्र शामिल हैं, बांग्लादेश के सभी लोगों के लाभ के लिए हैं।”