N1Live Himachal विलंबित जलविद्युत परियोजना डेवलपर्स को रद्द करने का नोटिस जारी करें: हिमाचल के मुख्यमंत्री ने विद्युत विभाग को निर्देश दिया
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विलंबित जलविद्युत परियोजना डेवलपर्स को रद्द करने का नोटिस जारी करें: हिमाचल के मुख्यमंत्री ने विद्युत विभाग को निर्देश दिया

Issue cancellation notices to delayed hydropower project developers: Himachal CM directs power department

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ऊर्जा निदेशालय को निर्देश दिया है कि वे गैर-गंभीर जलविद्युत डेवलपर्स को रद्द करने का नोटिस जारी करें, जिनकी परियोजनाएं कई वर्षों से रुकी हुई हैं। शनिवार को ऊर्जा विभाग की एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजनाओं के निष्पादन में अनावश्यक देरी से राज्य के खजाने को काफी नुकसान हो रहा है।

उन्होंने कहा, “जलविद्युत राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि इसका लाभ राज्य के लोगों तक पहुंचे।”

सुखू ने कहा कि उनकी सरकार विभिन्न मंचों पर राज्य के लोगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। एक बड़े फैसले में राज्य सरकार ने एसजेवीएन लिमिटेड को पहले आवंटित 382 मेगावाट सुन्नी, 210 मेगावाट लुहरी स्टेज-1 और 66 मेगावाट धौलासिद्ध परियोजनाओं को वापस लेने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार किशाऊ और रेणुका बांध जैसी आगामी परियोजनाओं पर तब तक आगे नहीं बढ़ेगी जब तक कि पड़ोसी राज्य भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से लंबित बकाया राशि के निपटान के लिए ठोस आश्वासन नहीं देते।”

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने भाखड़ा बांध पर 4,403 मेगावाट तथा कोल बांध पर 8,700 मेगावाट क्षमता की पंप भंडारण परियोजनाएं स्थापित करने के लिए चिन्हित की हैं। सुक्खू ने विभाग को इस दिशा में आगे बढ़कर तुरंत आगे बढ़ने के निर्देश दिए ताकि राज्य के लोगों को इन परियोजनाओं से अधिकतम लाभ मिल सके।

सुखू ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) को अगस्त, 2025 तक काजा सौर ऊर्जा परियोजना की कमीशनिंग पूरी करने तथा चंबा जिले की सुदूर पांगी घाटी के धनवास में बैटरी बैकअप के साथ 1 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस परियोजना के दिसंबर, 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, तथा इससे भारी बर्फबारी के दौरान भी घाटी की 19 ग्राम पंचायतों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने ग्रीन पंचायत योजना, जिसे स्वच्छ एवं हरित गांव पहल के रूप में भी जाना जाता है, की प्रगति की समीक्षा की तथा परियोजना में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माणाधीन 450 मेगावाट शोंगटोंग जलविद्युत परियोजना का जायजा लिया तथा विद्युत निगम को इसे निर्धारित समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए।

इसके अतिरिक्त, यह भी निर्णय लिया गया कि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत विनियामक आयोग के निर्देशों के अनुसार हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) द्वारा 66 केवी क्षमता के पांच उप-स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जबकि हिमाचल प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीटीसीएल) द्वारा 132 केवी और 220 केवी क्षमता के 10 उप-स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।

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